–संशोधन अर्जी मंजूर, ट्रायल कोर्ट के अंतिम फैसले पर लगी रोक बढ़ी
प्रयागराज, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को सपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान और अन्य की याचिकाओं में संशोधन की अनुमति दे दी है। जिसमें 2016 के बलपूर्वक बेदखली प्रकरण में “पूरी कार्यवाही रद्द करने“ की प्रार्थना को हटा दिया गया।
कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के अंतिम आदेश या फैसले पर अंतरिम रोक को अगली सुनवाई की तारीख, 28 अगस्त तक बढ़ा दिया। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने सुनवाई की।
कोर्ट ने याचिका में संशोधन की अनुमति दी, जिसके बाद अब याचिकाएं केवल मुख्य सूचनादाताओं, विशेष रूप से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी, की दोबारा गवाही और दोषमुक्त करने वाली वीडियोग्राफी को रिकॉर्ड में लाने की मांग तक सीमित है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह वीडियोग्राफी उनकी घटनास्थल पर अनुपस्थिति साबित कर सकती है।
यह मुकदमा 2019 में रामपुर के कोतवाली थाने में दर्ज 12 एफआईआर (सं. 528/2019 से 539/2019 और 556/2019) पर आधारित है, जिनमें डकैती, गृह में अनधिकृत प्रवेश और आपराधिक षड्यंत्र जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इन सभी को 8 अगस्त 2024 को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए), रामपुर द्वारा एकल वाद में समाहित किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने 30 मई 2025 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें गवाहों को दोबारा बुलाने और वीडियोग्राफी को शामिल करने की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया था।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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