रांची, 9 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Jharkhand विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) रवींद्रनाथ महतो ने बारबाडोस में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) सम्मेलन में गुरूवार को भारत और Jharkhand की समावेशी विकास की सोच को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया. उन्होंने सम्मेलन के सत्र ए लुक अहेड टू कॉमनवेल्थ हेडस् ऑफ गर्वमेंट मिटिंग 2026 : चैंपियनिंग द हयूमन फैक्टर फ्रॉम अ जेंडर एंड एक्सेेसीबीलीटी लेंस (चोगम 2026 पर एक नज़र : एक लिंग और सुलभता लेंस से मानव कारक का समर्थन) विषय पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम विश्व एक परिवार है की भावना पर आधारित है. उन्होंने कहा कि Indian संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 39 समानता, न्याय और समान अवसर की गारंटी देते हैं. भारत ने महिलाओं और दिव्यांगजनों की भागीदारी को शासन की मुख्यधारा में शामिल किया है. महतो ने ऋग्वेद का उल्लेख करते हुए कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता जहां महिलाओं का सम्मान होता है, वहीं समाज समृद्ध होता है. उन्होंने कहा कि Jharkhand के आदिवासी समाज में महिलाएं सदैव सम्मान और समानता का प्रतीक रही हैं.
स्पीकर ने कहा कि Chief Minister हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने Chief Minister मंइयां सम्मान योजना जैसी योजनाओं से महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दी है. राष्ट्रमंडल देशों को विविधता, समानता और सम्मान के सिद्धांत पर एकजुट होकर वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को मजबूत करना चाहिए.
सत्र में सीपीए महासचिव स्टीफन ट्वीघ, एंटिगुआ और बरमुडा के स्पीकर और ओडिशा एवं गोवा विधानसभाओं के अध्यक्ष सहित कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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