गोरखपुर, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . जब भोर की अरुणिमा ने क्षितिज को स्पर्श किया, तभी पिपराइच क्षेत्र के मठिया ग्राम की गलियाँ भक्ति के सुरों से भर उठीं. “हर हर महादेव”, “बोल बम” और “जय श्रीराम” के निनाद से वायु पुलकित हो उठी. ग्राम के प्राचीन शिव मंदिर से आरम्भ हुई रुद्र महायज्ञ की दिव्य कलश शोभायात्रा ने सम्पूर्ण वातावरण को पावन कर दिया. ऐसा प्रतीत हुआ मानो स्वयं हिमालय से उतरकर गंगाजल कलशों में बह चला हो और हर द्वार शिवमय हो उठा हो.
सैकड़ों श्रद्धालु, जिनमें परंपरागत परिधान में सजी-संवरी कन्याएँ सिर पर जल-कलश धारण किए जब कतारबद्ध होकर चलीं तो दृश्य अलौकिक बन पड़ा. उनके पदचापों के साथ ढोल-नगाड़ों की गूंज, शंखध्वनियाँ और मंत्रोच्चारण का नाद मिलकर मानो एक स्वर्गिक संगीत रच रहे थे. हवा में उड़ते पुष्प, आकाश में लहराते भगवा ध्वज और श्रद्धा से झुके मस्तक—यह दृश्य केवल भक्ति नहीं, संस्कृति का जीवंत रूप था. यह शोभायात्रा मठिया शिव मंदिर से निकलकर मोटेश्वर शिव मंदिर और लखेसरा शिव मंदिर से होती हुई पुनः मठिया के प्राचीन शिवधाम पहुँची. मार्ग भर ग्रामवासियों ने पुष्पवर्षा और आरती से यात्रियों का स्वागत किया. कहीं महिलाएँ मंगलगीत गा रही थीं, तो कहीं बच्चे “हर हर महादेव” के स्वर में लय मिला रहे थे. हर द्वार पर दीप जलाए गए, मानो शिव स्वयं हर घर में विराजमान हों.
ग्राम प्रधान चंद्रिका सिंह के नेतृत्व में ग्रामवासियों की सहभागिता ने आयोजन को एक सांस्कृतिक महोत्सव का रूप दे दिया. युवाओं ने मंदिर मार्गों को पुष्पमालाओं, तोरणद्वारों और भगवा पताकाओं से सजाया. महिलाओं ने कलशों की सजावट और पूजा सामग्री का सूक्ष्म प्रबंध किया, जबकि बुजुर्गों ने वैदिक मंत्रों से वातावरण में पवित्रता घोली. कहीं चंदन की सुगंध बह रही थी, कहीं घंटियों की ध्वनि और बीचोंबीच बहती श्रद्धा की धारा ने सबको एक सूत्र में बाँध दिया. चंद्रिका सिंह ने कहा यह शोभायात्रा केवल धर्म का आचरण नहीं, हमारी परम्परा का पुनर्जागरण है. जब समाज आस्था में एकजुट होता है, तब हर ग्राम तीर्थ बन जाता है और हर व्यक्ति साधक.
रास्ते भर सेवा शिविर, जलपान केंद्र और भक्ति संगीत के साथ यह यात्रा एक चलती-फिरती संस्कृति बन गई. बच्चों के चेहरे पर उल्लास, युवाओं में उत्साह और बुजुर्गों में संतोष की झलक थी. सूरज की किरणें जब कलशों पर पड़तीं, तो जल के कणों में उगते इंद्रधनुष मानो यह कह रहे थे— जहाँ आस्था है, वहीं परमात्मा का वास है.
कलश यात्रा में प्रमुख रूप से ग्राम प्रधान चंद्रिका सिंह, पूर्व प्रधान बिजहरा प्रदीप गुप्ता, सूरज जायसवाल, गिरधारी पाण्डेय, श्रवण सिंह,अशोक सिंह, रमेश सिंह, दुर्गविजय यादव, नकुल यादव, अंगद निषाद,सुधाकर गुप्ता,संजय गुप्ता, सुनील सिंह, श्यामू गुप्ता,रणविजय यादव, बलिराम यादव, अशोक सिंह, रामलक्षण निषाद, ओम प्रकाश सिंह, विकास चौधरी, श्यामू गुप्ता, लखेन्दर गुप्ता, नवरंग सिंह, रामनरायण मल्ल, मदन सिंह, सुरजनाथ सिंह, रामदयाल यादव,बाबूराम यादव,राजू यादव सहित हज़ारों लोग उपस्थित रहे.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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