नई दिल्ली, 27 मई . दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शातिर साइबर अपराधियों को लद्दाख स्थित सारचू इलाके से गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी 800 किलोमीटर से अधिक की रियल-टाइम पीछा करते हुए की गई, जिसमें झारखंड से लेकर हिमाचल और लद्दाख तक का सफर शामिल है. इस ऑपरेशन में एक नई और चौंकाने वाली ठगी का खुलासा हुआ है. इसमें मजदूरों के बैंक खाते साइबर फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे.
यह कार्रवाई एक महिला की शिकायत के बाद शुरू हुई. जिसके बैंक खाते से 69,953 की अवैध निकासी हुई थी.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी हर्ष इंदौरा के अनुसार जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय लेन-देन की कड़ियों को जोड़ते हुए यह पाया कि उक्त राशि झारखंड के दुमका और गोड्डा जिलों के ग्रामीण मजदूरों के खातों में स्थानांतरित की गई थी.
पुलिस की टीमों की जमीनी स्तर पर की गई जांच में पाया गया कि ये खाते मजदूरों से उनके ठेकेदारों ने खुलवाए गए थे और एटीएम व पासबुक अपराधियों के पास रहते थे.
डीसीपी के अनुसार दो मजदूरों रामजीत और बद्री राय की गिरफ्तारी से यह साफ हुआ कि उनके खाते क्रमश 20,005 और 69,953 रुपये की साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए थे.
इन खातों को मंसूर अंसारी और इमरान अंसारी नामक दो अपराधियों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए हिमाचल के रास्ते लद्दाख भाग रहे थे.
पुलिस टीम ने पीछा कर दोनों को लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्र सारचू से गिरफ्तार किया.
पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि वे झारखंड के गरीब और अनपढ़ मजदूरों को निशाना बनाकर उनके नाम पर खाते खुलवाते थे और फिर उनका दुरुपयोग साइबर ठगी में करते थे. ये ठग लेन-देन के बाद खुद को छुपाने के लिए लद्दाख जैसे दुर्गम इलाकों में चले जाते थे, जिससे पुलिस की पकड़ से दूर रह सकें.
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/ कुमार अश्वनी
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