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शिक्षक मन, समाज और भविष्य का निर्माण करते हैं: डॉ. बीरबल झा

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नई दिल्‍ली/पटना, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षक दिवस के अवसर पर ब्रिटिश लिंगुआ संस्थान के प्रमुख डॉ. बीरबल झा ने शुक्रवार को छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का वाहक नहीं, बल्कि समाज के भविष्य का निर्माता होते हैं।

डॉ. बीरबल झा ने कहा, “शिक्षक की सफलता पुरस्कारों में नहीं, बल्कि उनके छात्रों की उपलब्धियों में झलकती है। झा ने कहा कि हर छात्र जो मार्गदर्शन पाता है, वह शिक्षक के पेशे और पहचान को आकार देता है।” उन्होंने अंग्रेजी संचार एवं कौशल प्रशिक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान ब्रिटिश लिंगुआ के छात्रों की उपलब्धियों का उदाहरण देते हुए गर्व व्यक्त किया।

उन्होंने शिक्षकों के स्थायी प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा, “जब शिक्षक किसी में ज्ञान का दीप जलाते हैं, तो वह आने वाली पीढ़ियों को भी प्रकाशित करता है। झा ने कहा कि शिक्षक मूल्य, आशा और चरित्र की नींव डालते हैं—यही समाज की असली ताकत है।”

झा ने अपने संबोधन में कहा, “शिक्षक अदृश्य हाथ हैं जो जीवन के पन्ने पलटते हैं, और समाज की नियति बदलते हैं। उनका प्रभाव छात्रों के कर्मों में अनंत तक गूंजता है।” साथ ही समाज से उन्‍होंने आग्रह किया कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता के रूप में सम्मानित हों। झा ने अपने गुरु को संस्कृत श्लोक के माध्‍यम से नमन किया :-“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः।

गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥”

हिन्दुस्थान समार/प्रजेश शंकर

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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