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संघर्ष को सुलझाने के लिए युद्ध पुराना और अप्रभावी तरीका-राजेश केसरी

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जम्मू, 4 मई . शिव सेना हिंदुस्तान के जम्मू कश्मीर अध्यक्ष पंडित राजेश केसरी की अध्यक्षता में गांव जगवाल में एक बैठक हुई जिसमें शिव सेना हिंदुस्तान के सदस्य व ग्रामीण शामिल हुए. सभा में सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग शामिल थे जिन्होंने पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले पर चर्चा की और निहत्थे नागरिकों के खिलाफ हिंसा के क्रूर कृत्य की निंदा की. उपस्थित लोगों ने मौजूदा तनाव और युद्ध की संभावना पर अपने विचार साझा किए.

सर्वसम्मति यह थी कि युद्ध अंतिम उपाय होना चाहिए इसे तभी अपनाया जाना चाहिए जब अन्य सभी रास्ते समाप्त हो जाएं. युद्ध संघर्ष को सुलझाने का एक पुराना गलत जानकारी वाला और अप्राप्य तरीका है. युद्ध जीवन और जीवन के अधिकार को हानि पहुँचाता है और नष्ट कर देता है और उन्हें पुनर्स्थापित नहीं कर सकता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध के लिए व्यापक तैयारी की आवश्यकता होती है और इसे समस्याओं के समाधान के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

सभा ने उन लोगों की आलोचना की जो प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है और दबाव और कूटनीति की नीति भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अधिक प्रभावी होगी. उपस्थित लोगों ने गिलगित-बाल्टिस्तान और अखनूर सहित पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर जोर दिया. उनका मानना था कि भारत के कूटनीतिक प्रयासों को अपने क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान की वैश्विक निंदा का लाभ उठाना चाहिए.

/ रमेश गुप्ता

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