नवादा,16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) .नवादा जिले के रजौली के पूर्व विधायक प्रकाशवीर के लिए न्यायालय से राहत की उम्मीद टूट गई है. तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी-एमएलए स्पेशल सेशन कोर्ट के न्यायाधीश सुभाषचंद्र शर्मा की अदालत ने गुरुवार को प्रकाशवीर की अपील खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को बरकरार रखा है.
अदालत ने पूर्व विधायक को सात दिनों के भीतर एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट सह प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है.यह मामला रजौली थाना कांड संख्या–111/2005 से जुड़ा है. पूर्व विधायक प्रकाशवीर पर वर्ष 2005 में आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था. इस मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट सह प्रथम अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 29 जुलाई 2022 को उन्हें छह माह का साधारण कारावास तथा एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी.
इस आदेश के खिलाफ प्रकाशवीर ने वर्ष 2022 में अपील संख्या–16/22 के रूप में जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी. मामले की लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने उनके खिलाफ पारित निचली अदालत के आदेश को सही ठहराया और अपील को खारिज कर दिया. अपर लोक अभियोजक अजीत कुमार ने अदालत में अभियोजन पक्ष का पक्ष मजबूती से रखा. अदालत ने यह माना कि अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोप साक्ष्यों से प्रमाणित होत हैं.
अदालत के इस आदेश से पूर्व विधायक प्रकाशवीर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब उन्हें सात दिनों के भीतर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा, अन्यथा गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है कि पूर्व विधायक को अब कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है.
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन
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