आजादी के 78 साल बाद भी घासीदाग प्रखंड के राजखाड़ गांव की तस्वीर में कोई खास बदलाव नहीं आया है। यहां के ग्रामीण विकास की मूलभूत सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। गांव के बाहरी हिस्से से बहने वाली धुरिया नदी पर आज तक पुल नहीं बन सका है। इसके कारण ग्रामीणों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बाज़ार और अस्पताल पहुँचने वाले ग्रामीण, सभी के लिए यह समस्या बड़ी चुनौती बन चुकी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार अधिकारियों को समस्याओं के बारे में अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वहीं, ग्रामीणों ने सरकार से पुल निर्माण की मांग को फिर से दोहराया है, ताकि उनके जीवन में मूलभूत सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित हो सके।इस गांव की कहानी आज भी हमें यह याद दिलाती है कि देश में विकास की राह में कितनी दूरियां बाकी हैं और कितनी जनता अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
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