राजधानी पटना में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बार चर्चा का केंद्र चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बने हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें निशाना बनाया गया है।
पोस्टरों का वितरण और स्थानस्थानीय लोगों और मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ये पोस्टर खासकर बीजेपी कार्यालय के सामने और इनकम टैक्स चौराहे पर लगाए गए हैं। पोस्टरों में प्रशांत किशोर के खिलाफ कई तरह के संदेश और आरोप लिखे गए हैं, जो शहर में राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन गए हैं।
प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया नहींखबर लिखे जाने तक प्रशांत किशोर ने इस मामले में अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनके मौन रहने से राजनीतिक और मीडिया हलकों में अटकलें बढ़ गई हैं। विश्लेषक मान रहे हैं कि किशोर की प्रतिक्रिया आने के बाद ही इस मामले का राजनीतिक असर स्पष्ट होगा।
राजनीतिक माहौलपटना में पोस्टरों के माध्यम से किसी राजनीतिक व्यक्तित्व को निशाना बनाना पहले भी देखा गया है, लेकिन इस बार चुनावी रणनीतिकार और विश्लेषक के खिलाफ ऐसा होना चर्चा का नया विषय बना है। शहर के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे चुनावी मौसम और गहरा हो सकता है और स्थानीय राजनीतिक समीकरणों पर असर पड़ेगा।
जनता और सोशल मीडिया में चर्चापोस्टरों के लगने के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय जनता के बीच भी सक्रिय बहस शुरू हो गई है। कुछ लोग इसे राजनीतिक दबाव और विरोध के तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक सक्रियता और चुनावी रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं।
प्रशासन की निगरानीस्थानीय प्रशासन और पुलिस ने पोस्टरों के मामले पर सावधानी बरतते हुए निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने कहा कि शहर में सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
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