नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अब तुर्की पर डिजिटल एक्शन लेते हुए वहां के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी वर्ल्ड के सोशल मीडिया एकाउंट एक्स को भारत में बैन कर दिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाक्रम में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देते दिया था। वहीं टीआरटी वर्ल्ड के माध्यम से भारत विरोधी झूठा प्रोपेगेंडा फैलाया गया तथा ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी भ्रामक खबरें चलाई थीं। भारत ने यह कार्रवाई ऐसे समय पर की है जब तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा, हम अच्छे और बुरे समय में पाकिस्तान के भाईचारे वाले लोगों के साथ खड़े रहेंगे।
आपको बता दें कि भारत में तुर्की के बॉयकॉट की आवाज बुलंद हो रही है। पुणे के फल व्यापारियों ने तुर्की के सेब का बहिष्कार कर दिया है। वहीं बहुत से भारतीय जो छुट्टियों में तुर्की जाने का प्लान कर रहे थे उन्होंने भी अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी है। इसके अलावा तुर्की से आने वाले मारबल का भी अब विरोध हो रहा है और अब वहां का मारबल ना मगांने का फैसला किया गया है। वहीं कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने भारतीयों से तुर्की में जाकर डेस्टिनेशन वेडिंग ना करने की मांग की है। इन सबके बीच तुर्की के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रति दोस्ती का खुलकर इजहार किया है।
एर्दोगन ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, मेरे प्यारे भाई शहबाज, तुर्की और पाकिस्तान के संबंध दुनिया के उन चंद देशों में से हैं, जिनके बीच सच्चे भाईचारे, मित्रता और परस्पर विश्वास की एक मिसाल कायम है। यह सिर्फ राजनीतिक रिश्ता नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी ज्यादा गहरा है। हम पाकिस्तानी की समझदारी और धैर्यपूर्ण नीति की सराहना करते हैं। एर्दोगन ने आगे लिखा, मैं हमारे मित्र पाकिस्तान को दिल से शुभकामनाएं देता हूं, ‘पाकिस्तान-तुर्की दोस्ती जिंदाबाद।‘ वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है।
The post appeared first on .
You may also like
कैथरीन ब्रायस ने अप्रैल 2025 के लिए आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरस्कार जीता
केपीआई ग्रीन एनर्जी का वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में मुनाफा 91 प्रतिशत बढ़ा
भारतीय वायु सेना अग्निवीर वायु इंटेक 02/2025 पीएसएल सूची जारी
राजस्थान में ऑपरेशन सिंदूर का बड़ा एक्शन! जयपुर से पकड़े गए 1008 घुसपैठिए, देश से बाहर भेजने के लिए शुरू हुआ एयरलिफ्ट
पाकिस्तान से संघर्ष में रूस ने क्यों नहीं किया भारत का खुलकर समर्थन?