भारत-पाकिस्तान संघर्ष: हरियाणा के कैथल के एक गांव के निवासी को भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को कथित तौर पर सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान कैथल के मस्तगढ़ चीका गांव के निवासी देवेंद्र के रूप में हुई है। पुलिस कार्रवाई पर बोलते हुए डीएसपी कैथल वीरभान ने कहा कि कैथल की जिला पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वीरभान ने बताया, “कैथल की जिला पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर हमारे विशेष जासूस स्टाफ ने गांव मस्तगढ़ चीका निवासी नरवल सिंह के बेटे देवेंद्र को गिरफ्तार किया।” पुलिस ने देवेंद्र को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की। पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान देवेंद्र ने पुलिस को बताया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था।
डीएसपी कैथल वीरभान ने बताया कि उसे हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। वह उस एजेंसी को भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद की जानकारी देता था और समय-समय पर पाकिस्तानी सेना व आईएसआई को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी भी देता था। साइबर थाने में हमारा स्टाफ उसके पास मिले डिवाइस की गहन जांच कर रहा है। सच्चाई जो भी हो, कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
4 मई को एक अलग अभियान में, पंजाब पुलिस ने अमृतसर में सेना छावनी क्षेत्रों और वायु सेना ठिकानों की संवेदनशील जानकारी और तस्वीरें पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को लीक करने में कथित संलिप्तता के लिए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
आरोपियों की पहचान पलक शेर मसीह और सूरज मसीह के रूप में हुई है। ग्रामीण अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “पंजाब के सीएम भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव ने निर्देश जारी किए हैं कि हमें जिस भी देश विरोधी तत्व के बारे में जानकारी मिले, उसे तुरंत गिरफ्तार करें और जेल में डालें। पलक शेर मसीह और सूरज मसीह के बारे में ऐसी ही एक सूचना मिली थी, जो पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के संपर्क में थे और उन्हें संवेदनशील प्रतिष्ठानों के बारे में जानकारी लीक कर रहे थे। हमने उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे बहुत सारा डेटा बरामद किया है।”
एसएसपी सिंह ने आगे बताया, “उनका एक और साथी हरप्रीत था, जिसने उन्हें आईएसआई के संपर्क में लाया था और हम उसे प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर जेल से लाएंगे। उसके खिलाफ पहले से ही एक एनडीपीएस मामला दर्ज है।”
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। 7 मई को पाकिस्तान और पीओजेके में भारत के सटीक हमलों में 100 से ज़्यादा आतंकवादी मारे गए थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में मिसाइलों और ड्रोनों के हमले किये, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई।
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