यरूशलम : इस समय विश्व दो मोर्चों पर युद्धरत है। एक तरफ रूस-यूक्रेन और दूसरी तरफ इजरायल-हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष कम हो रहा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इजरायल ईरान पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। इससे बड़ी हलचल मच गई है। लेकिन अगर इजरायल हमला करता है, तो ईरान के साथ शांतिपूर्ण समझौते पर पहुंचने के डोनाल्ड ट्रम्प के प्रयास विफल हो सकते हैं।
एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, इजरायल ने खुलासा किया है कि वह ईरान की परमाणु परियोजना पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। अंग्रेजी समाचार चैनल सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इजरायल ईरान की परमाणु परियोजना पर हमला करने की योजना बना रहा है। लेकिन हमले पर इजराइल का अंतिम निर्णय अभी भी अस्पष्ट है। इजरायली हमले ने अमेरिकी सरकार के भीतर मतभेद पैदा कर दिया है।
इस बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने वाशिंगटन स्थित इजरायली दूतावास और इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क किया है। लेकिन अभी तक इसराइल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि इजरायल कुछ महीनों में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला कर सकता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता ठप्प पड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि इससे हमले की संभावना बढ़ जाती है।
अमेरिका और ईरान के बीच वार्ताएक ओर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ईरान के परमाणु कार्यक्रम का कूटनीतिक समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में अगर इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता है तो डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशें नाकाम हो जाएंगी। ट्रम्प वर्तमान में संयुक्त सैन्य कार्रवाई की तुलना में इजरायल के साथ शांति समझौते को प्राथमिकता देने पर चर्चा कर रहे हैं।
इस्राएल ने वास्तव में क्या तैयारी की थी?अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इजरायली वायु सेना हमले की तैयारी कर रही है। वायु सेना का प्रशिक्षण अभी चल रहा है। बड़ी संख्या में हथियार भी तैनात किये गये हैं। यदि अमेरिका और ईरान के बीच वार्ता सफल नहीं होती है तो इजरायल ईरान पर हमला करने की तैयारी कर रहा है।
इजराइल और ईरान के बीच विवाद क्यों है?इज़राइल के अनुसार, ईरान यमन में हौथी विद्रोहियों का समर्थन कर रहा है। इसके कारण इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान और उसके समर्थकों से बड़ा बदला लेने की कसम खाई है। उन्होंने बार-बार ईरान को हौथी विद्रोहियों और हमास का समर्थन न करने की चेतावनी दी है।