इस्लामाबाद: अफगान तालिबान से तनाव के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पूर्व की इमरान खान सरकार और तत्कालीन पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व पर इसका ठीकरा फोड़ा है। इशाक डार ने 2021 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI चीफ की काबुल यात्रा को देश भर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया है। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इसके कुछ दिन बाद सितम्बर में तत्कालीन आईएसआई चीफ फैज हमीद ने काबुल का दौरा किया था। इस दौरान उनकी चाय का प्याला पकड़े तस्वीर सामने आई थी। उस दौरान हमीद ने कहा था कि वह एक कप चाय पीने आए हैं।
पाकिस्तानी संसद में बोलते हुए डार ने कहा कि वो एक कप चाय हमें बहुत महंगी पड़ी है। उन्होंने कहा कि एक कप चाय ने सीमाओं (अफगान-पाकिस्तान) को दोबारा खोल दिया। उस वक्त की सरकार ने 100 से ज्यादा खूंखार अपराधियों को जेल से रिहा किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने देश के अंदर चरमपंथी हमलों में आई बाढ़ के लिए पूर्व सरकार के इन फैसलों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पाकिस्तान और अफगान तालिबान में जंग
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान पिछले महीने सीमा पर हिंसक सैन्य संघर्ष में उलझ चुके हैं। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमत हुए थे जो अभी तक लागू है। हालांकि, सीमा पर तनाव बना हुआ है और पाकिस्तान ने मांग की है कि अफगान तालिबान पाकिस्तानी सेना पर हमला करने वाले पाकिस्तानी तालिबान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे संगठनों को शरण देना बंद करे।
अफगान तालिबान ने अपनी जमीन पर इन संगठनों की मौजूदगी से इनकार किया है और इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बताया है। इसके साथ ही अफगान तालिबान ने इन समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने से भी इनकार किया है। संसद में बोलते हुए इशाक डार ने कहा कि उनकी तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से कई बार फोन पर बात हुई है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ न होने की सख्ती से मांग की है। डार ने उम्मीद जताई की 6 नवम्बर को इस्तांबुल में होने वाली वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक बातचीत होगी।
पाकिस्तानी संसद में बोलते हुए डार ने कहा कि वो एक कप चाय हमें बहुत महंगी पड़ी है। उन्होंने कहा कि एक कप चाय ने सीमाओं (अफगान-पाकिस्तान) को दोबारा खोल दिया। उस वक्त की सरकार ने 100 से ज्यादा खूंखार अपराधियों को जेल से रिहा किया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने देश के अंदर चरमपंथी हमलों में आई बाढ़ के लिए पूर्व सरकार के इन फैसलों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पाकिस्तान और अफगान तालिबान में जंग
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान पिछले महीने सीमा पर हिंसक सैन्य संघर्ष में उलझ चुके हैं। कतर और तुर्की की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद दोनों पक्ष युद्धविराम पर सहमत हुए थे जो अभी तक लागू है। हालांकि, सीमा पर तनाव बना हुआ है और पाकिस्तान ने मांग की है कि अफगान तालिबान पाकिस्तानी सेना पर हमला करने वाले पाकिस्तानी तालिबान (TTP) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) जैसे संगठनों को शरण देना बंद करे।
अफगान तालिबान ने अपनी जमीन पर इन संगठनों की मौजूदगी से इनकार किया है और इसे पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बताया है। इसके साथ ही अफगान तालिबान ने इन समूहों को आतंकवादी संगठन घोषित करने से भी इनकार किया है। संसद में बोलते हुए इशाक डार ने कहा कि उनकी तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से कई बार फोन पर बात हुई है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ न होने की सख्ती से मांग की है। डार ने उम्मीद जताई की 6 नवम्बर को इस्तांबुल में होने वाली वार्ता में दोनों पक्षों के बीच सकारात्मक बातचीत होगी।
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