मुंंबई: स्थानीय निकायों के चुनाव में जीत का डंका बजाने किए शुक्रवार को अजित पवार की पार्टी एनसीपी चिंतन शिविर करने जा रही है। पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि पवार आरएसएस के नागपुर से चुनाव प्रचार का बिगुल बजाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि चिंतन शिविर में हम लोग लोकतंत्र, न्याय और समानता के सिद्धांतों पर आधारित अपनी वैचारिक नींव को और अधिक मजबूत करने पर मंथन करेंगे। शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एवं सांसद प्रफुल पटेल, प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे, वरिष्ठ नेता एवं अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल सहित सभी मंत्री, वर्तमान एवं पूर्व विधायक, पदाधिकारी और लगभग 500 प्रतिनिधि भाग लेंगे।
तटकरे ने बताया क्या होगा?
पत्रकारों से बात करते हुए सुनील तटकरे ने स्पष्ट किया कि यह शिविर पार्टी के लिए आत्ममंथन और विचार-विमर्श का अवसर है। हम केवल अंदरूनी समीक्षा नहीं कर रहे, बल्कि जनता की उम्मीदों और जरूरतों के अनुसार पार्टी की नीतियां तय करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। शिविर में पार्टी की विचारधारा, मूल मूल्य, आज की चुनौतियां, जनता तक हमारी बात पहुंचाने की योजना, संगठन को मजबूत करने और भविष्य की तैयारी पर चर्चा होगी। तटकरे ने आगे कहा कि छत्रपती शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने विदर्भ की संतरा नगरी नागपुर को इस शिविर का आयोजन स्थल चुना है। पत्रकार परिषद में तटकरे के साथ पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं विधायक शिवाजीराव गर्जे, मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे, प्रदेश प्रवक्ता संजय तटकरे, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, नागपुर जिलाध्यक्ष शिवराज गुजर, शहराध्यक्ष अनिल अहिरकर, प्रदेश प्रवक्ता प्रशांत पवार सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विधानसभा चुनावों में किया था कमबैक
अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के लिए लोकसभा चुनावों काफी निराशाजनक रहे थे। इसके बाद महायुति में उनके खिलाफ नाराजगी भी सामने आई थी, हालांकि वह महायुति में बने रहे थे। लाडली बहन योजना और फिर महायुति के घटक दलों के एक साथ उतने से विधानसभा चुनावों में चित्र बदल गया था। बीजेपी जहां सबसे बड़ी पार्टी बनी थी तो वहीं शिंदे की शिवसेना के बाद अजित पवार की एनसीपी भी 41 सीटों पर जीत मिली थी। पार्टी के पास महाराष्ट्र में एक लोकसभा सीट है। ऐसे में अब पार्टी के सामने स्थानीय निकाय के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। खास ऐसे क्षेत्रों में जहां पर पवार फैमिली या फिर एनसीपी का वर्चस्व माना जाता है। एनसीपी ने अपनी चिंतन शिविर नागपुर में ऐसे वक्त पर रखा है जब कुछ दिनों के बाद विजयादशमी के मौके पर संघ का 100 साल जश्न होगा।
तटकरे ने बताया क्या होगा?
पत्रकारों से बात करते हुए सुनील तटकरे ने स्पष्ट किया कि यह शिविर पार्टी के लिए आत्ममंथन और विचार-विमर्श का अवसर है। हम केवल अंदरूनी समीक्षा नहीं कर रहे, बल्कि जनता की उम्मीदों और जरूरतों के अनुसार पार्टी की नीतियां तय करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। शिविर में पार्टी की विचारधारा, मूल मूल्य, आज की चुनौतियां, जनता तक हमारी बात पहुंचाने की योजना, संगठन को मजबूत करने और भविष्य की तैयारी पर चर्चा होगी। तटकरे ने आगे कहा कि छत्रपती शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, महात्मा फुले और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी ने विदर्भ की संतरा नगरी नागपुर को इस शिविर का आयोजन स्थल चुना है। पत्रकार परिषद में तटकरे के साथ पार्टी के कोषाध्यक्ष एवं विधायक शिवाजीराव गर्जे, मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे, प्रदेश प्रवक्ता संजय तटकरे, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, नागपुर जिलाध्यक्ष शिवराज गुजर, शहराध्यक्ष अनिल अहिरकर, प्रदेश प्रवक्ता प्रशांत पवार सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
विधानसभा चुनावों में किया था कमबैक
अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के लिए लोकसभा चुनावों काफी निराशाजनक रहे थे। इसके बाद महायुति में उनके खिलाफ नाराजगी भी सामने आई थी, हालांकि वह महायुति में बने रहे थे। लाडली बहन योजना और फिर महायुति के घटक दलों के एक साथ उतने से विधानसभा चुनावों में चित्र बदल गया था। बीजेपी जहां सबसे बड़ी पार्टी बनी थी तो वहीं शिंदे की शिवसेना के बाद अजित पवार की एनसीपी भी 41 सीटों पर जीत मिली थी। पार्टी के पास महाराष्ट्र में एक लोकसभा सीट है। ऐसे में अब पार्टी के सामने स्थानीय निकाय के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है। खास ऐसे क्षेत्रों में जहां पर पवार फैमिली या फिर एनसीपी का वर्चस्व माना जाता है। एनसीपी ने अपनी चिंतन शिविर नागपुर में ऐसे वक्त पर रखा है जब कुछ दिनों के बाद विजयादशमी के मौके पर संघ का 100 साल जश्न होगा।
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