नई दिल्ली : सोने की कीमत रोज-रोज नए रेकॉर्ड बना रही है। इस साल सोने की कीमत में अब तक 60 फीसदी उछाल आ चुका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत पहली बार 4,300 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच चुकी है। इसके साथ ही सोने का मार्केट कैप 30 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है। दुनिया के इतिहास में पहली बार कोई एसेट इस मुकाम पर पहुंची है। गोल्ड की बादशाहत का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसका मार्केट कैप दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी एनवीडिया से सात गुना ज्यादा है।
गोल्ड की कीमत गुरुवार को 3.12 फीसदी की तेजी के साथ 4,333 डॉलर प्रति औंस तक पहुंची। इसके हिसाब से गोल्ड का मार्केट कैप 30.124 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया। एआई चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया का मार्केट कैप 4.426 ट्रिलियन डॉलर है। माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप $3.802 ट्रिलियन, आईफोन बनाने वाली ऐपल का $3.672 ट्रिलियन, गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का $3.041 ट्रिलियन है जबकि चांदी का मार्केट कैप $3.001 ट्रिलियन है। इस तरह सिल्वर दुनिया की छठी सबसे वैल्यूएबल एसेट है।
क्यों बढ़ रहा है सोना?इस साल गोल्ड के मार्केट कैप में 11 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। गोल्डमैन सैश का कहना है कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। सोने की मांग में तेजी के कई कारण हैं। इसकी एक वजह यह है कि दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व ने सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं। साथ ही अमेरिका के फेड रिजर्व के पॉलिसी रेट में कटौती करने की उम्मीद और डॉलर के कमजोर होने से भी निवेशक सोने का रुख कर रहे हैं।
गोल्ड की कीमत गुरुवार को 3.12 फीसदी की तेजी के साथ 4,333 डॉलर प्रति औंस तक पहुंची। इसके हिसाब से गोल्ड का मार्केट कैप 30.124 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया। एआई चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया का मार्केट कैप 4.426 ट्रिलियन डॉलर है। माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप $3.802 ट्रिलियन, आईफोन बनाने वाली ऐपल का $3.672 ट्रिलियन, गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का $3.041 ट्रिलियन है जबकि चांदी का मार्केट कैप $3.001 ट्रिलियन है। इस तरह सिल्वर दुनिया की छठी सबसे वैल्यूएबल एसेट है।
क्यों बढ़ रहा है सोना?इस साल गोल्ड के मार्केट कैप में 11 ट्रिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। गोल्डमैन सैश का कहना है कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत 4,900 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। सोने की मांग में तेजी के कई कारण हैं। इसकी एक वजह यह है कि दुनिया के कई देशों के सेंट्रल बैंक अपने रिजर्व ने सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं। साथ ही अमेरिका के फेड रिजर्व के पॉलिसी रेट में कटौती करने की उम्मीद और डॉलर के कमजोर होने से भी निवेशक सोने का रुख कर रहे हैं।
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