पटना: पारदर्शिता सुनिश्चित करने और व्यवस्थित प्रक्रिया बनाए रखने के लिए बिहार चुनाव 2025 के लिए मतदाता पर्चियों का वितरण केवल बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के माध्यम से किया जाएगा। साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र के सामान्य प्रेक्षक आशीष मोदी ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट में सभी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान यह जानकारी दी। मतदाता सूचना पर्ची (वीआईएस), जिसे आमतौर पर मतदाता पर्ची के रूप में जाना जाता है, एक दस्तावेज़ है जिसमें मतदाता के बारे में कई विवरण होते हैं, जैसे नाम, आयु, विधानसभा क्षेत्र, लिंग, मतदान केंद्र का पता और मतदान की तिथि और समय। यह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया जाता है।
चुनाव आयोग का निर्देश
आशीष मोदी ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी और चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में इन नियमों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उम्मीदवारों को यह भी बताया कि जिन उम्मीदवारों के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला है, उन्हें आरोपों, लंबित मामलों तथा किसी भी दोषसिद्धि का विवरण निर्धारित प्रारूप में प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तीन बार प्रकाशित व प्रसारित करना होगा। बैठक में उपस्थित उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि वे लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप कार्य करें तथा चुनाव आयोग के सभी प्रावधानों और निर्देशों का पालन करें।
बूथ पर रिकॉर्डिंग
मतदान शुरू होने से लेकर अंत तक सभी गतिविधियों की वास्तविक समय पर निगरानी और रिकॉर्डिंग की जाएगी। अगर कोई मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी या धांधली करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो उसे तुरंत कैमरे में कैद कर लिया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग से लेकर सामान्य पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक और जिला नियंत्रण कक्ष तक, सभी वेबकास्टिंग के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी कर सकते हैं। इससे उन्हें बिना मौके पर जाए ही किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप करने की सुविधा मिलती है।
लाइव रिकॉर्डिंग की व्यवस्था
लाइव रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल भविष्य में कानूनी या प्रशासनिक सबूत के तौर पर किया जा सकता है। अगर किसी मतदान केंद्र पर कोई विवाद या शिकायत होती है, तो वेबकास्टिंग फुटेज का तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है।
चुनाव आयोग का निर्देश
आशीष मोदी ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी और चुनाव प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में इन नियमों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उम्मीदवारों को यह भी बताया कि जिन उम्मीदवारों के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला है, उन्हें आरोपों, लंबित मामलों तथा किसी भी दोषसिद्धि का विवरण निर्धारित प्रारूप में प्रिंट तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तीन बार प्रकाशित व प्रसारित करना होगा। बैठक में उपस्थित उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि वे लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुरूप कार्य करें तथा चुनाव आयोग के सभी प्रावधानों और निर्देशों का पालन करें।
बूथ पर रिकॉर्डिंग
मतदान शुरू होने से लेकर अंत तक सभी गतिविधियों की वास्तविक समय पर निगरानी और रिकॉर्डिंग की जाएगी। अगर कोई मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी या धांधली करके माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो उसे तुरंत कैमरे में कैद कर लिया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग से लेकर सामान्य पर्यवेक्षक, पुलिस पर्यवेक्षक और जिला नियंत्रण कक्ष तक, सभी वेबकास्टिंग के माध्यम से वास्तविक समय में निगरानी कर सकते हैं। इससे उन्हें बिना मौके पर जाए ही किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत हस्तक्षेप करने की सुविधा मिलती है।
लाइव रिकॉर्डिंग की व्यवस्था
लाइव रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल भविष्य में कानूनी या प्रशासनिक सबूत के तौर पर किया जा सकता है। अगर किसी मतदान केंद्र पर कोई विवाद या शिकायत होती है, तो वेबकास्टिंग फुटेज का तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है।
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