पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 बीजेपी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बन गया है। इस चुनाव का प्लस माइनस का प्रभाव पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश की राजनीति पर पड़ सकता है। ऐसे में फूंक फूंक कर कदम रख रहे बीजेपी के रणनीतिकार टिकट बंटवारे में बहुत ही सावधानी बरत रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस बार कई सीटिंग विधायकों का टिकट भी कटने वाला है। इसमें उन विधायकों की चर्चा है जो पार्टी के विरुद्ध गतिविधियों में शामिल रहे हैं। पढ़िए, अमित शाह की डायरी में है किन-किन विधायकों के नाम जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा है।
बागी नंबर 1- भागीरथी देवी
रामनगर विधानसभा से विधायक रहीं भागीरथी देवी पर बीजेपी नेतृत्व की टेढ़ी नजर है। वजह यह है कि साल 2024 में नीतीश कुमार की NDA सरकार के विश्वासमत के दौरान ये महागठबंधन के प्रभाव में थीं। चर्चा यह है कि भागीरथी देवी को भी लगा था कि इस बार शक्ति परीक्षण में नीतीश कुमार के हाथ से सत्ता चली जाएगी। लेकिन विश्वासमत के समय जब उन्हें लगा कि तेजस्वी यादव सत्ता नहीं पलट पाएंगे तो भागी भागी आईं। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उनकी पहचान यही मान ली गई कि वो तेजस्वी यादव के प्रभाव में थीं और सत्ता पलटने की कोशिश में लगी थीं।
बागी नंबर 2- रश्मि वर्मा
एनडीए की सत्ता पलटने की कोशिश के दौरान रश्मि वर्मा भी तेजस्वी यादव के 'खेला होवे' अभियान में शामिल थी। ऐसा आरोप बीजेपी लगाती भी है। बताया जाता है कि शक्ति परीक्षण के समय ये भी मोबाइल बंद कर नीतीश सरकार को गिराने के खेल शामिल थी। बाद में ये भी उन विधायकों में शामिल हो गईं, जो अंत में भागते-भागते सदन में पहुंच कर अपना पाक दामन साफ जाहिर करने लगीं। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अब रश्मि वर्मा का नाम उन विधायकों वाली सूची में है जिन पर पार्टी विरोधी क्रियाकलाप का इल्जाम है।
बागी नंबर 3- ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू
बाढ़ के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का भी नाम टिकट कटने वालों सीटिंग विधायकों सूची में है। इन पर पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप भी लगा था। इन्होंने एनडीए सरकार की भी आलोचना की। एक और चर्चा है कि जिन सीटों पर अदला-बदली का पेंच फंसा है, उनमें एक सीट बाढ़ भी है। चर्चा तो यह भी है कि बाढ़ विधानसभा से आनंद मोहन अपने पुत्र को विधानसभा चुनाव में लड़ाना चाहते हैं। हाल ही में आनंद मोहन बाढ़ का दौरा कर रहे थे। तब भी ये बात राजनीतिक गलियारों में उठी थी कि क्या आनंद मोहन अपने बेटे के लिए सीट तलाशने आए हैं?
बागी नंबर 4- अमरेंद्र प्रताप सिंह
आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह पर भी सीट कटने की तलवार लटकी हुई है। इन पर आरोप यह है कि इन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में आरा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार आरके सिंह के पक्ष में काम नहीं किया। यह आरोप खुद पूर्व मंत्री आर के सिंह ने लगाया है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी। एक दूसरी वजह यह भी है कि उनकी उम्र भी 70 प्लस हो गई है।
बागी नंबर 5- राघवेंद्र प्रताप सिंह
बड़हरा के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह पर भी सीट कटने की तलवार लटकी हुई है। इन पर आरोप यह है कि इन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में आरा लोकसभा से बीजेपी के उम्मीदवार आर के सिंह के पक्ष में काम नहीं किया। यह आरोप भी खुद पूर्व मंत्री आर के सिंह ने लगाया था। उन्होंने कहा था कि पवन सिंह को फंडिंग कर मैदान में खड़ा कराया गया था। काराकाट में राजपूत वोटों को पवन सिंह ने काटा, जिससे उपेंद्र कुशवाहा हारे, इसका बदला नाराज कुशवाहा वोटरों ने आरा से औरंगाबाद तक ले लिया।
बागी नंबर 1- भागीरथी देवी
रामनगर विधानसभा से विधायक रहीं भागीरथी देवी पर बीजेपी नेतृत्व की टेढ़ी नजर है। वजह यह है कि साल 2024 में नीतीश कुमार की NDA सरकार के विश्वासमत के दौरान ये महागठबंधन के प्रभाव में थीं। चर्चा यह है कि भागीरथी देवी को भी लगा था कि इस बार शक्ति परीक्षण में नीतीश कुमार के हाथ से सत्ता चली जाएगी। लेकिन विश्वासमत के समय जब उन्हें लगा कि तेजस्वी यादव सत्ता नहीं पलट पाएंगे तो भागी भागी आईं। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उनकी पहचान यही मान ली गई कि वो तेजस्वी यादव के प्रभाव में थीं और सत्ता पलटने की कोशिश में लगी थीं।
बागी नंबर 2- रश्मि वर्मा
एनडीए की सत्ता पलटने की कोशिश के दौरान रश्मि वर्मा भी तेजस्वी यादव के 'खेला होवे' अभियान में शामिल थी। ऐसा आरोप बीजेपी लगाती भी है। बताया जाता है कि शक्ति परीक्षण के समय ये भी मोबाइल बंद कर नीतीश सरकार को गिराने के खेल शामिल थी। बाद में ये भी उन विधायकों में शामिल हो गईं, जो अंत में भागते-भागते सदन में पहुंच कर अपना पाक दामन साफ जाहिर करने लगीं। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अब रश्मि वर्मा का नाम उन विधायकों वाली सूची में है जिन पर पार्टी विरोधी क्रियाकलाप का इल्जाम है।
बागी नंबर 3- ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू
बाढ़ के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का भी नाम टिकट कटने वालों सीटिंग विधायकों सूची में है। इन पर पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप भी लगा था। इन्होंने एनडीए सरकार की भी आलोचना की। एक और चर्चा है कि जिन सीटों पर अदला-बदली का पेंच फंसा है, उनमें एक सीट बाढ़ भी है। चर्चा तो यह भी है कि बाढ़ विधानसभा से आनंद मोहन अपने पुत्र को विधानसभा चुनाव में लड़ाना चाहते हैं। हाल ही में आनंद मोहन बाढ़ का दौरा कर रहे थे। तब भी ये बात राजनीतिक गलियारों में उठी थी कि क्या आनंद मोहन अपने बेटे के लिए सीट तलाशने आए हैं?
बागी नंबर 4- अमरेंद्र प्रताप सिंह
आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह पर भी सीट कटने की तलवार लटकी हुई है। इन पर आरोप यह है कि इन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में आरा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार आरके सिंह के पक्ष में काम नहीं किया। यह आरोप खुद पूर्व मंत्री आर के सिंह ने लगाया है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी। एक दूसरी वजह यह भी है कि उनकी उम्र भी 70 प्लस हो गई है।
बागी नंबर 5- राघवेंद्र प्रताप सिंह
बड़हरा के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह पर भी सीट कटने की तलवार लटकी हुई है। इन पर आरोप यह है कि इन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में आरा लोकसभा से बीजेपी के उम्मीदवार आर के सिंह के पक्ष में काम नहीं किया। यह आरोप भी खुद पूर्व मंत्री आर के सिंह ने लगाया था। उन्होंने कहा था कि पवन सिंह को फंडिंग कर मैदान में खड़ा कराया गया था। काराकाट में राजपूत वोटों को पवन सिंह ने काटा, जिससे उपेंद्र कुशवाहा हारे, इसका बदला नाराज कुशवाहा वोटरों ने आरा से औरंगाबाद तक ले लिया।
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