नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान प्रधानमंत्री ने सेना को 'खुली छूट'दी, जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुलासा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को पाकिस्तानी सीमा में 100 किलोमीटर अंदर तक जाकर कार्रवाई करने की पूरी छूट दी थी। मध्य प्रदेश के रीवा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद सिर्फ दुश्मन पर जीत हासिल करना नहीं था, बल्कि देश की संप्रभुता, अखंडता और शांति को फिर से स्थापित करना भी था।
जनरल द्विवेदी ने बताया कि ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' रखने का सुझाव खुद प्रधानमंत्री का था। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बेटी, मां या बहन अपने माथे पर सिंदूर लगाती है, तो उसकी दुआएं देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ होती हैं।
टीआरएस कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने आत्मविश्वास और शांति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'दूसरों पर और खुद पर भरोसा बहुत जरूरी है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों को मिलकर काम करना था। तीनों सेनाओं के प्रमुख शांत रहे। वे हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आए। हमारी शांति ने देश के लोगों को विश्वास दिलाया कि वे सुरक्षित हाथों में हैं।'
'प्रधानमंत्री ने सेनाओं को खुली छूट दी'जनरल द्विवेदी ने साहस की अहमियत बताते हुए कहा कि ऐसे युद्धों में जोखिम बहुत ज्यादा होता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, सेना ने हर हमले का जवाब दिया और सीमा पार 100 किलोमीटर तक भी गई। उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक नेताओं की सोच बिल्कुल स्पष्ट थी। उन्होंने हमें पूरी छूट दी। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री ने सेनाओं को इतनी खुली छूट दी हो।
भविष्य की चुनौतियों का जिक्रउन्होंने भविष्य की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता जैसी चुनौतियां होंगी। हम बिल्कुल नहीं जानते कि भविष्य में क्या होने वाला है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, 'ट्रंप आज क्या कर रहे हैं? मुझे लगता है कि ट्रंप को भी नहीं पता कि वह कल क्या करने वाले हैं।' चुनौतियां इतनी तेजी से आ रही हैं कि जब तक हम एक पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने आ जाती है। यही सुरक्षा चुनौतियां हैं जिनका हमारी सेना सामना कर रही है, चाहे वह सीमा पर हो, आतंकवाद से जुड़ी हो, प्राकृतिक आपदाओं से हो या साइबर युद्ध से।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुलासा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय सेना को पाकिस्तानी सीमा में 100 किलोमीटर अंदर तक जाकर कार्रवाई करने की पूरी छूट दी थी। मध्य प्रदेश के रीवा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन का मकसद सिर्फ दुश्मन पर जीत हासिल करना नहीं था, बल्कि देश की संप्रभुता, अखंडता और शांति को फिर से स्थापित करना भी था।
#WATCH | Rewa, Madhya Pradesh | Addressing an event at TRS College, Chief of the Army Staff, General Upendra Dwivedi says, "... The third 'C' is clarity. The thinking of our political leader was clear. They gave us a free hand. It has never happened in history before that the… pic.twitter.com/GQTVK4iQlW
— ANI (@ANI) November 1, 2025
जनरल द्विवेदी ने बताया कि ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' रखने का सुझाव खुद प्रधानमंत्री का था। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बेटी, मां या बहन अपने माथे पर सिंदूर लगाती है, तो उसकी दुआएं देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ होती हैं।
टीआरएस कॉलेज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने आत्मविश्वास और शांति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'दूसरों पर और खुद पर भरोसा बहुत जरूरी है। तीनों सेनाओं के प्रमुखों को मिलकर काम करना था। तीनों सेनाओं के प्रमुख शांत रहे। वे हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आए। हमारी शांति ने देश के लोगों को विश्वास दिलाया कि वे सुरक्षित हाथों में हैं।'
'प्रधानमंत्री ने सेनाओं को खुली छूट दी'जनरल द्विवेदी ने साहस की अहमियत बताते हुए कहा कि ऐसे युद्धों में जोखिम बहुत ज्यादा होता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, सेना ने हर हमले का जवाब दिया और सीमा पार 100 किलोमीटर तक भी गई। उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक नेताओं की सोच बिल्कुल स्पष्ट थी। उन्होंने हमें पूरी छूट दी। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री ने सेनाओं को इतनी खुली छूट दी हो।
भविष्य की चुनौतियों का जिक्रउन्होंने भविष्य की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि आने वाले समय में अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता जैसी चुनौतियां होंगी। हम बिल्कुल नहीं जानते कि भविष्य में क्या होने वाला है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, 'ट्रंप आज क्या कर रहे हैं? मुझे लगता है कि ट्रंप को भी नहीं पता कि वह कल क्या करने वाले हैं।' चुनौतियां इतनी तेजी से आ रही हैं कि जब तक हम एक पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने आ जाती है। यही सुरक्षा चुनौतियां हैं जिनका हमारी सेना सामना कर रही है, चाहे वह सीमा पर हो, आतंकवाद से जुड़ी हो, प्राकृतिक आपदाओं से हो या साइबर युद्ध से।
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