भोपाल: वॉटर स्पोर्ट्स का इनॉरमस एडवेंचर (असाधारण रोमांच) अब गांधीसागर बांध की एक नई पहचान बनेगा। कैचमेंट एरिया और बैकवॉटर का प्राकृतिक सौंदर्य स्विट्जरलैंड की वादियों से भी ज्यादा आनंदित करने वाला है। गांधीसागर पहले से ही गिद्धों के लिए मशहूर है, लेकिन अब यहां चीता भी दौड़ रहा है। यह बात सीएम मोहन यादव ने कही। वे शुक्रवार को मंदसौर के गांधीसागर में फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण का शुभारंभ करने पहुंचे थे।
सीएम मोहन यादव ने गांधीसागर बांध के बैक वॉटर में शुरू किए गए वॉटर स्पोर्ट्स को लेकर कहा कि, अब यह एक नई पहचान बनेगा। वॉटर स्पोर्ट्स का इनॉरमस एडवेंचर देखने को मिलेगा। उन्होंने यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को बताते हुए कहा कि यह स्विटजरलैंड की वादियों से भी ज्यादा आनंदित करने वाला है। यहां पर्यटन गतिविधियों का विकास करना ही हमारा लक्ष्य है।
दुनिया में चीते कहीं मिले या नहीं गांधीसागर में जरूर मिलेंगे
CM ने गांधी सागर में चीतों को लेकर बड़ी बात कही कि एशिया में कहीं दिखे न दिखें, लेकिन हमारे गांधी सागर में जरूर दौड़ते दिखेंगे। अब गिद्धों के अलावा चीतों के लिए भी यह क्षेत्र विश्व में पहचाना जाता है। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा बांध के बैकवॉटर एरिया में विकसित टेंट सिटी का शुभारंभ भी किया।
गांधीसागर का रिश्ता गंगाजी से जुड़ रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान पशुपतिनाथ के प्रभाव क्षेत्र में चंबल मैया के किनारे गांधीसागर का संबंध गंगाजी से जुड़ रहा है। शिप्रा नदी चंबल में आकर मिलती है और यही धारा आगे जाकर यमुना नदी में मिलती है। चंबल नदी के बगैर यमुना की धारा अधूरी है। हजारों साल से मंदसौर, नीमच और बरसों से बीहड़ रहे क्षेत्र को चंबल मैया का आशीर्वाद मिल रहा है। चंबल नदी में घड़ियाल और डॉलफिन का भी बसेरा है। कोलकाता में गंगा नदी में मालवांचल की मिठास भी घुली हुई है।
वॉटर स्पोर्ट्स से दुनिया भर के पर्यटक आ रहे
गांधीसागर बांध क्षेत्र में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की शुरुआत हो गई है। अब यह सम्पूर्ण क्षेत्र वॉटर स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। सीएम ने बताया कि प्राचीनकाल में जलमार्गों से ही आवागमन होता था। उज्जैन से मां शिप्रा के माध्यम से गंगा नदी से देशभर के अन्य स्थानों तक पहुंचा जा सकता था।
अफीम की भाजी का अलग ही आनंद है
सीएम ने कहा कि गांधीसागर बांध क्षेत्र में पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मंदसौर सिर्फ गांधीसागर के लिए नहीं, अफीम उत्पाद जिले के लिए भी फेमस है। अफीम की भाजी का स्वाद लेने का एक अलग ही आनंद है।
सीएम मोहन यादव ने गांधीसागर बांध के बैक वॉटर में शुरू किए गए वॉटर स्पोर्ट्स को लेकर कहा कि, अब यह एक नई पहचान बनेगा। वॉटर स्पोर्ट्स का इनॉरमस एडवेंचर देखने को मिलेगा। उन्होंने यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को बताते हुए कहा कि यह स्विटजरलैंड की वादियों से भी ज्यादा आनंदित करने वाला है। यहां पर्यटन गतिविधियों का विकास करना ही हमारा लक्ष्य है।
दुनिया में चीते कहीं मिले या नहीं गांधीसागर में जरूर मिलेंगे
CM ने गांधी सागर में चीतों को लेकर बड़ी बात कही कि एशिया में कहीं दिखे न दिखें, लेकिन हमारे गांधी सागर में जरूर दौड़ते दिखेंगे। अब गिद्धों के अलावा चीतों के लिए भी यह क्षेत्र विश्व में पहचाना जाता है। मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा बांध के बैकवॉटर एरिया में विकसित टेंट सिटी का शुभारंभ भी किया।
गांधीसागर का रिश्ता गंगाजी से जुड़ रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान पशुपतिनाथ के प्रभाव क्षेत्र में चंबल मैया के किनारे गांधीसागर का संबंध गंगाजी से जुड़ रहा है। शिप्रा नदी चंबल में आकर मिलती है और यही धारा आगे जाकर यमुना नदी में मिलती है। चंबल नदी के बगैर यमुना की धारा अधूरी है। हजारों साल से मंदसौर, नीमच और बरसों से बीहड़ रहे क्षेत्र को चंबल मैया का आशीर्वाद मिल रहा है। चंबल नदी में घड़ियाल और डॉलफिन का भी बसेरा है। कोलकाता में गंगा नदी में मालवांचल की मिठास भी घुली हुई है।
वॉटर स्पोर्ट्स से दुनिया भर के पर्यटक आ रहे
गांधीसागर बांध क्षेत्र में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की शुरुआत हो गई है। अब यह सम्पूर्ण क्षेत्र वॉटर स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। सीएम ने बताया कि प्राचीनकाल में जलमार्गों से ही आवागमन होता था। उज्जैन से मां शिप्रा के माध्यम से गंगा नदी से देशभर के अन्य स्थानों तक पहुंचा जा सकता था।
अफीम की भाजी का अलग ही आनंद है
सीएम ने कहा कि गांधीसागर बांध क्षेत्र में पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मंदसौर सिर्फ गांधीसागर के लिए नहीं, अफीम उत्पाद जिले के लिए भी फेमस है। अफीम की भाजी का स्वाद लेने का एक अलग ही आनंद है।
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