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बैटरी स्टोरेज सेक्टर में गौतम अडानी की धमाकेदार एंट्री, एशिया का सबसे बड़ा प्लांट लगाने की तैयारी

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नई दिल्ली : देश के तीसरा बड़ा औद्योगिक घराना अडानी ग्रुप लगातार अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है। अडानी ग्रुप ने अब बैटरी एनर्जी स्टोरेज सेक्टर में एंट्री मारी है। ग्रुप ने 3,530 मेगावाट की क्षमता वाले बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) प्रोजेक्ट की घोषणा की है। यह दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल-लोकेशन इंस्टॉलेशन में से एक है। यह प्रोजेक्ट मार्च 2026 तक चालू हो जाएगा। इसमें 700 से ज्यादा BESS कंटेनर होंगे। यह सब गुजरात के खावड़ा में दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क में लगाया जाएगा।

इस सिस्टम से ग्रिड को स्थिरता मिलेगी। इससे चौबीसों घंटे ग्रीन एनर्जी मिल पाएगी। यह भारत को कम कार्बन वाली इकॉनमी की ओर ले जाने में मदद करेगा। यह बड़ा सिस्टम बिजली की मांग को पूरा करने, ट्रांसमिशन की भीड़भाड़ कम करने और सौर ऊर्जा की बर्बादी को रोकने में मदद करेगा। यह खावड़ा BESS एडवांस्ड लिथियम-आयन बैटरी टेक्नोलॉजी और एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करके बनाया जाएगा। यह अडानी की रिन्यूएबल एनर्जी जनरेशन के साथ आसानी से जुड़ जाएगा।


पीक-लोड मैनेजमेंटयह एनर्जी शिफ्टिंग और पीक-लोड मैनेजमेंट में अहम भूमिका निभाएगा। इससे खावड़ा पार्क दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल और स्टोरेज कॉम्प्लेक्स बन जाएगा।अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा, "एनर्जी स्टोरेज रिन्यूएबल एनर्जी वाले भविष्य की नींव है। इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट के साथ हम वैश्विक मानक स्थापित कर रहे हैं और भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहे हैं। यह पहल हमें बड़े पैमाने पर विश्वसनीय, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा समाधान प्रदान करने में मदद करेगी।"

इस उपलब्धि के साथ अडानी ग्रुप बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने वाले चुनिंदा वैश्विक ऊर्जा लीडर्स में शामिल हो गया है। ग्रुप की योजना वित्त वर्ष 2027 तक अपनी कुल स्टोरेज क्षमता को 15 GWh तक और अगले पांच साल में 50 GWh तक बढ़ाने की है। यह भारत के नेट-जीरो लक्ष्यों के अनुरूप है।
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