मोहाली: पंजाब के मोहाली जिले में पुलिस ने एक टीवी पत्रकार के अपहरण करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही पत्रकार को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया। यह मामला मंगलवार शाम का है, जब तीन लोगों ने निहंग वेशभूषा में आकर पत्रकार को अगवा कर लिया। तीनों ने उसे फरीदकोट जिले के कोटकपूरा स्थित एक गुरुद्वारे में बंधक बनाकर रखा। था पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि दो आरोपी फरार चल रहे है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसएसपी ने दी पूरी जानकारी
मोहाली के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि पीड़ित पत्रकार गुरपियार सिंह को मंगलवार शाम करीब 7 बजे नयागांव स्थित उनके दफ्तर के बाहर से अगवा किया गया। तीनों आरोपी निहंगों के वस्त्रों में थे। पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरा मामला एक वित्तीय विवाद से जुड़ा हुआ था। एसएसपी ने बताया कि आरोपी पहले एक प्रॉपर्टी विवाद में गुरपियार सिंह की मदद कर चुके थे। उन्होंने पीड़ित की सहायता से कुछ रकम वसूल करवाई थी और अब अपने हिस्से के भुगतान की मांग कर रहे थे। जब गुरपियार ने उन्हें पैसे देने से इनकार किया, तो उन्होंने बदले में उसका अपहरण कर लिया।
फरार आरोपियों की तलाश कर रही पुलिस
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और डीआईजी रोपड़ रेंज नानक सिंह के निर्देश पर विशेष पुलिस टीमें गठित की गईं। अपरहण के 12 घंटे के भीतर पीड़ित को खोज निकाला गया और सुरक्षित बचा लिया गया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान 45 वर्षीय बलकारनजीत सिंह, निवासी रेख कलां गांव (जिला बठिंडा) के रूप में हुई है। वह 10वीं पास है और अविवाहित है। दो अन्य आरोपी हरदीप सिंह और जसकरण सिंह फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश में छापेमारी जारी है। पूछताछ में बलकारनजीत ने स्वीकार किया कि यह अपहरण एक अधूरे वित्तीय लेन-देन के कारण किया गया।
पत्रकार की बहन ने पुलिस को दी थी शिकायत
पुलिस के अनुसार, दो वर्ष पहले गुरपियार सिंह और उनके परिवार ने धमधन साहिब गांव में जमीन खरीदी थी, जिसके भुगतान में लगभग 12 लाख रुपये का विवाद बचा हुआ था। जब विवाद बढ़ा, तो परिवार ने इन तीनों आरोपियों से दबाव बनवाने के लिए मदद ली। बताया गया कि बाद में जिन चेकों के माध्यम से समझौता हुआ था, वे बाउंस हो गए, जिसके बाद पैसे न मिलने पर आरोपियों ने अपहरण की साजिश रच डाली। इस घटना के बाद गुरपियार की बहन मनप्रीत कौर ने मोहाली पुलिस को शिकायत दी कि उनके भाई को निहंग वेशधारी तीन लोगों ने कार में जबरन उठा लिया है। इसके बाद पुलिस ने तुरंत मोहाली पुलिस, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF), और फरीदकोट, बठिंडा और चंडीगढ़ पुलिस की संयुक्त टीमें गठित कीं। संयुक्त अभियान के तहत कोटकपूरा के गुरुद्वारे से पीड़ित को 200 किलोमीटर दूर से सुरक्षित बचा लिया गया।
एसएसपी ने दी पूरी जानकारी
मोहाली के एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने बताया कि पीड़ित पत्रकार गुरपियार सिंह को मंगलवार शाम करीब 7 बजे नयागांव स्थित उनके दफ्तर के बाहर से अगवा किया गया। तीनों आरोपी निहंगों के वस्त्रों में थे। पुलिस जांच में सामने आया कि यह पूरा मामला एक वित्तीय विवाद से जुड़ा हुआ था। एसएसपी ने बताया कि आरोपी पहले एक प्रॉपर्टी विवाद में गुरपियार सिंह की मदद कर चुके थे। उन्होंने पीड़ित की सहायता से कुछ रकम वसूल करवाई थी और अब अपने हिस्से के भुगतान की मांग कर रहे थे। जब गुरपियार ने उन्हें पैसे देने से इनकार किया, तो उन्होंने बदले में उसका अपहरण कर लिया।
फरार आरोपियों की तलाश कर रही पुलिस
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और डीआईजी रोपड़ रेंज नानक सिंह के निर्देश पर विशेष पुलिस टीमें गठित की गईं। अपरहण के 12 घंटे के भीतर पीड़ित को खोज निकाला गया और सुरक्षित बचा लिया गया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान 45 वर्षीय बलकारनजीत सिंह, निवासी रेख कलां गांव (जिला बठिंडा) के रूप में हुई है। वह 10वीं पास है और अविवाहित है। दो अन्य आरोपी हरदीप सिंह और जसकरण सिंह फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश में छापेमारी जारी है। पूछताछ में बलकारनजीत ने स्वीकार किया कि यह अपहरण एक अधूरे वित्तीय लेन-देन के कारण किया गया।
पत्रकार की बहन ने पुलिस को दी थी शिकायत
पुलिस के अनुसार, दो वर्ष पहले गुरपियार सिंह और उनके परिवार ने धमधन साहिब गांव में जमीन खरीदी थी, जिसके भुगतान में लगभग 12 लाख रुपये का विवाद बचा हुआ था। जब विवाद बढ़ा, तो परिवार ने इन तीनों आरोपियों से दबाव बनवाने के लिए मदद ली। बताया गया कि बाद में जिन चेकों के माध्यम से समझौता हुआ था, वे बाउंस हो गए, जिसके बाद पैसे न मिलने पर आरोपियों ने अपहरण की साजिश रच डाली। इस घटना के बाद गुरपियार की बहन मनप्रीत कौर ने मोहाली पुलिस को शिकायत दी कि उनके भाई को निहंग वेशधारी तीन लोगों ने कार में जबरन उठा लिया है। इसके बाद पुलिस ने तुरंत मोहाली पुलिस, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF), और फरीदकोट, बठिंडा और चंडीगढ़ पुलिस की संयुक्त टीमें गठित कीं। संयुक्त अभियान के तहत कोटकपूरा के गुरुद्वारे से पीड़ित को 200 किलोमीटर दूर से सुरक्षित बचा लिया गया।
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