पटना: बिहार चुनाव में टिकट वितरण की खींचतान के बाद अब नामांकन रद्द होने के कारण कई नेताओं के चुनावी सपने टूट गए हैं। ऐसा ही एक बड़ा झटका राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को लगा है, जहां मोहनिया विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है।
नामांकन रद्द होने के तुरंत बाद, आरजेडी ने मोहनिया में निर्दलीय उम्मीदवार रवि पासवान को समर्थन देने की घोषणा की है। रवि पासवान पूर्व विधायक छेदी पासवान के पुत्र हैं। तेजस्वी यादव ने खुद निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान किया।
श्वेता सुमन ने लगाया राजनीतिक दबाव का आरोप
नामांकन रद्द होने की खबर सुनकर आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को उनसे डर था, इसलिए राजनीतिक दबाव के तहत उनका नामांकन रद्द करवाया गया है। श्वेता सुमन ने इस "अन्याय" के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
क्यों रद्द हुआ नामांकन?
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने श्वेता सुमन के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा का आरोप था कि श्वेता सुमन ने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपना स्थायी पता उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले का बताया था, जबकि 2025 के इस चुनाव में उन्होंने खुद को बिहार की निवासी बताते हुए नामांकन दाखिल किया है। भाजपा नेताओं का तर्क था कि दो अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग पते की जानकारी देना गलत है और यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
संगीता कुमारी अब भाजपा टिकट पर मैदान में
इस सीट पर मुकाबला अब दिलचस्प हो गया है। 2020 में यह सीट आरजेडी की संगीता कुमारी ने जीती थी, जिन्होंने बाद में भाजपा जॉइन कर ली और अब वे उसी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद जहां आरजेडी समर्थकों में नाराजगी है, वहीं जन सुराज खेमे में खुशी का लहर है। हालांकि, चुनाव कार्यालय की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
नामांकन रद्द होने के तुरंत बाद, आरजेडी ने मोहनिया में निर्दलीय उम्मीदवार रवि पासवान को समर्थन देने की घोषणा की है। रवि पासवान पूर्व विधायक छेदी पासवान के पुत्र हैं। तेजस्वी यादव ने खुद निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान किया।
श्वेता सुमन ने लगाया राजनीतिक दबाव का आरोप
नामांकन रद्द होने की खबर सुनकर आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन फूट-फूटकर रो पड़ीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा को उनसे डर था, इसलिए राजनीतिक दबाव के तहत उनका नामांकन रद्द करवाया गया है। श्वेता सुमन ने इस "अन्याय" के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
क्यों रद्द हुआ नामांकन?
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने श्वेता सुमन के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। भाजपा का आरोप था कि श्वेता सुमन ने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपना स्थायी पता उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले का बताया था, जबकि 2025 के इस चुनाव में उन्होंने खुद को बिहार की निवासी बताते हुए नामांकन दाखिल किया है। भाजपा नेताओं का तर्क था कि दो अलग-अलग चुनावों में अलग-अलग पते की जानकारी देना गलत है और यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
संगीता कुमारी अब भाजपा टिकट पर मैदान में
इस सीट पर मुकाबला अब दिलचस्प हो गया है। 2020 में यह सीट आरजेडी की संगीता कुमारी ने जीती थी, जिन्होंने बाद में भाजपा जॉइन कर ली और अब वे उसी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद जहां आरजेडी समर्थकों में नाराजगी है, वहीं जन सुराज खेमे में खुशी का लहर है। हालांकि, चुनाव कार्यालय की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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