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RSS पर फिर बैन... मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर संघ ने दे दिया दो टूक जवाब, जानें क्या कहा

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नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तरफ से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बैन लगाने की मांग को लेकर राजनीति तेज हो गई है। खरगे के बयान को लेकर बीजेपी की तरफ से शनिवार को ही जवाब आ गया था। ऐसे में सबकी निगाहें संघ की तरफ लगी हुई थीं। दरअसल, खरगे ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। अब संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने खरगे के बयान पर जवाब दिया है।

संघ ने खरगे की मांग पर क्या कहा?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जनरल सेक्रेटरी दत्तात्रेय होसबले ने खरगे की तरफ से के संगठन पर बैन लगाने की मांग पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि संघ 'राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित है" और "उसे जनता का समर्थन हासिल है।" होसबले ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक के दूसरे दिन कहा kf किसी भी बैन के पीछे कोई वजह होनी चाहिए। राष्ट्र निर्माण में लगे RSS को निशाना बनाने से क्या हासिल होगा? जनता ने हमें पहले ही स्वीकार कर लिया है।


महात्मा गांधी की हत्या के बाद लगा था बैन

होसाबले की यह टिप्पणी खरगे के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने RSS और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों पर देश में "सभी गलत कामों" के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था। भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर शुक्रवार को खरगे ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो यह (RSS पर बैन) किया जाना चाहिए।

खरगे ने कहा था कि गृह मंत्री के तौर पर, कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में RSS पर बैन लगा दिया था; इसे जुलाई 1949 में हटा लिया गया था। 1925 में स्थापित RSS, BJP की वैचारिक जनक संस्था है। इसका मुख्यालय महाराष्ट्र के नागपुर शहर में है, जहां इसकी स्थापना हुई थी।
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