संभल, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर के एडेड विद्यालयों में फर्जी समायोजन पैनल के माध्यम से ट्रेन्ड ग्रैजुएट टीचरों की फर्जी नियुक्तियों के मामले में विजिलेंस के प्रयागराज सेक्टर ने तीन तत्कालीन डीआईओएस, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उपसचिव समेत 48 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। विजिलेंस की एफआईआर में संबंधित कॉलेजों के प्रिंसिपल, फर्जीवाड़ा करके नियुक्तियां पाने वाले स्नातक शिक्षक और कॉलेजों के प्रबंधक शामिल हैं।
एफआईआर के अनुसार, वर्ष 2013 और 2016 के विज्ञापनों के तहत कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिए बिना ही नियुक्ति प्राप्त कीं। इन नियुक्तियों के लिए फर्जी पैनल तैयार किए गए, जिन्हें बिना सत्यापन के संबंधित विद्यालयों को भेजा गया। अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास नहीं की थी, फिर भी नियुक्ति मिल गई। इस प्रक्रिया में जिला विद्यालय निरीक्षक, पटल सहायक, प्रबंधक, और प्रधानाचार्य जैसे कई अधिकारी शामिल पाए गए। विजिलेंस की जांच में सामने आया कि चयन बोर्ड द्वारा किसी भी अभ्यर्थी का पैनल पहले वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है और फिर रजिस्टर्ड डाक व ईमेल के जरिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को भेजा जाता है। पैनल की सत्यता की जिम्मेदारी डीआईओएस की होती है। लेकिन इस मामले में बिना सत्यापन के ही नियुक्तियां कर दी गईं, जिससे सरकार को 36 लाख 43 हजार 144 की आर्थिक क्षति हुई।
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