हर व्यक्ति खुद को फिट और हेल्दी रखना चाहता है, लेकिन समय की कमी, तनाव और अनियमित खानपान की वजह से वह डायबिटीज, मोटापा और पाचन संबंधित समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में जरूरी है कि अच्छी और बैलेंस डाइट के अलावा योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाया जाए।
एक्सपर्ट शिवा पांडे के मुताबिक योग को जीवनदायनी यंत्र माना जाता है। यानी कम समय में ये आपकी कई गंभीर समस्याओं का समाधान कर सकता है। ऐसा ही एक योगासन है जो कम समय में पेट से संबंधित समस्या, मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। यहां हम बात कर रहे हैं काकासन की। इसका अभ्यास कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं इसके हेल्दी बेनिफिट्स और करने के तरीके के बारे में।
काकासन इसे क्रो पोज के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन में शरीर की बनावट क्रो यानी कौए जैसी हो जाती है। काकासन को नियमित रूप से करने से पेट और कूल्हे की चर्बी, डायबिटीज और लिवर से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इस योगासन का अभ्यास बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक कर सकते हैं।(Photo credit):iStock
पेट की चर्बी करे कम

इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास करने से पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है। पेट की मांसपेशियां धीरे-धीरे शेप लेने लगती हैं जिससे आप स्लिम और आकर्षक लगने लगते हैं।अक्सर महिलाएं पीठ और कमर दर्द की शिकायत करती हैं। ऐसी स्थिति में यदि काकासन का अभ्यास किया जाए तो दर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही इससे पीठ की मांसपेशियां लचीली बनती हैं।
अंगों को रखे दुरुस्त
काकासन करने से किडनी और लिवर से संबंधित समस्या में आराम मिल सकता है। साथ ही इससे ब्लड फ्लो में सुधार होता है।
पाचन तंत्र में सुधार:

जिन लोगों को पेट से संबंधित समस्या रहती है उन्हें काकासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे पाचन तंत्र को सुधारा जा सकता है। साथ ही कब्ज और गैस की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।
इन लोगों को काकासन नहीं करना चाहिए
- काकासन एक चुनौतीपूर्ण पोज है इसलिए इसका अभ्यास प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।
- जिन लोगों के हाथ, कलाई या कोहनी में चोट है उन्हें इसे करने से बचना चाहिए।
- पेट या किसी अन्य सर्जरी के बाद इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- हाई बीपी के मरीज को भी काकासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
कैसे करें काकासन
- काकासन करने से पहले टॉयलेट अवश्य जाएं।
- फिर अपने पैरों को कमर की चौड़ाई तक लाएं और घुटनों को मोड़ते हुए बैठ जाएं।
- अब दोनों हाथ के पंजों को जमीन पर रखें और उंगलियों को फैला लें।
- अब दोनों एड़ियों को जमीन पर टिकाते हुए बैलेंस बनाएं।
- अब धीरे से पैरों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर की सीध तक ले जाने की कोशिश करें।
- पेट पर हल्का दबाव बनाते हुए सांस लें।
- कुछ सेकेंड्स तक इसी मुद्रा में रहें और फिर वापस आएं।
काकासन करते वक्त बरतें सावधानियां

- काकासन करने से पहले हाथों और कोहनी को वॉर्मअप कराएं।
- काकासन की स्थिति में छाती को जमीन की ओर अधिक न झुकाएं।
- पोज पर कॉन्सनट्रेट करें वरना चोट लग सकती है।
- स्क्वेट पोजिशन से शुरूआत कर सकते हैं।
- अभ्यास करते वक्त लोवर एब्डॉमिन और हिप्स को टाइट रखें।
- इस पोज का अभ्यास खाली पेट करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता । ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें । एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है ।
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