नई दिल्लीः पल्यूशन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच रविवार को बड़ी संख्या में लोग इंडिया गेट पर जुटे और सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की। बीते कुछ सालों से सरकार की ओर से GRAP , ऑड-ईवन, निर्माण कामों पर रोक और पटाखों पर बैन जैसे उपाय लागू किए जा रहे हैं। इसी बीच लोकल सर्कल्स की ओर से किए गए एक ताजा सर्वे में पता चला है कि लोगों को इन उपायों से खास भरोसा नहीं है। लोकल सर्कल्स ने दिल्ली-एनसीआर यानी दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में रहने वाले लोगों से पूछा कि पिछले चार हफ्तों में उन्हें पल्यूशन का कितना असर झेलना पड़ा है।
जहरीली हवा की वजह से झेल रहे हैं परेशानियां इस सर्वे में कुल 53 हजार जवाब मिले। इस सर्वे में पूछा गया कि बीते चार हफ्तों में आखिरी दिन भरा आपके घरों में कितने लोग जहरीली हवा की वजह से परेशानियां झेल रहे हैं? इसके जवाब में 36 प्रतिशत ने सीधे कहा कि चार या इससे अधिक लोग परेशानियां झेल रहे हैं। 21 प्रतिशत कहा कि दो से तीन सदस्य परेशानियां झेल रहे हैं। 21 प्रतिशत ने कहा कि एक व्यक्ति प्रदूषण से परेशान है। वहीं, महज 8 प्रतिशत ने कहा कि कोई परेशान नहीं। जबकि 14 प्रतिशत ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। साफ है कि 10 में से आठ लोगों के घरों में एक या इससे अधिक लोग प्रदूषण से जूझ रहे हैं।
78 फीसदी लोगों को सरकारी सिस्टम पर भरोसा नहींदूसरा सवाल किया गया कि सरकारी तंत्र यानी अपने जिले, शहर, राज्य आदि के प्रशासन पर प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए कितना भरोसा है? इसके जवाब में 78 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं है। वहीं 22 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह प्रदूषण को लेकर चिंतित है। कुल मिलाकर 10 में से आठ को अपने जिले, शहर और राज्य के प्रशासकों पर भरोसा नहीं है। वहीं, 10 में से सात लोगों ने कहा कि GRAP समय पर आए इस पर विश्वास नहीं।
जहरीली हवा की वजह से झेल रहे हैं परेशानियां इस सर्वे में कुल 53 हजार जवाब मिले। इस सर्वे में पूछा गया कि बीते चार हफ्तों में आखिरी दिन भरा आपके घरों में कितने लोग जहरीली हवा की वजह से परेशानियां झेल रहे हैं? इसके जवाब में 36 प्रतिशत ने सीधे कहा कि चार या इससे अधिक लोग परेशानियां झेल रहे हैं। 21 प्रतिशत कहा कि दो से तीन सदस्य परेशानियां झेल रहे हैं। 21 प्रतिशत ने कहा कि एक व्यक्ति प्रदूषण से परेशान है। वहीं, महज 8 प्रतिशत ने कहा कि कोई परेशान नहीं। जबकि 14 प्रतिशत ने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। साफ है कि 10 में से आठ लोगों के घरों में एक या इससे अधिक लोग प्रदूषण से जूझ रहे हैं।
78 फीसदी लोगों को सरकारी सिस्टम पर भरोसा नहींदूसरा सवाल किया गया कि सरकारी तंत्र यानी अपने जिले, शहर, राज्य आदि के प्रशासन पर प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए कितना भरोसा है? इसके जवाब में 78 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें भरोसा नहीं है। वहीं 22 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि वह प्रदूषण को लेकर चिंतित है। कुल मिलाकर 10 में से आठ को अपने जिले, शहर और राज्य के प्रशासकों पर भरोसा नहीं है। वहीं, 10 में से सात लोगों ने कहा कि GRAP समय पर आए इस पर विश्वास नहीं।
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