Canada H-1B Visa Jobs: अमेरिका में H-1B वीजा की फीस 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) होने के बाद कंपनियों के लिए विदेशी वर्कर्स को हायर करना मुश्किल हो चुका है। इसके अलावा कुछ ऐसे भी H-1B वीजा होल्डर्स हैं, जो अभी अमेरिका में जॉब तो कर रहे हैं, लेकिन वह यहां रहना नहीं चाहते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से ही H-1B वीजा होल्डर्स के लिए मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। ऐसे में कनाडा अब अपने यहां इन H-1B वीजा वर्कर्स को जॉब देने की तैयारी कर रहा है।
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सीआईसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा स्किल वर्कर्स को देश में लाने और इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने की रणनीति के तहत H-1B वीजा होल्डर्स के लिए एक त्वरित इमिग्रेशन पाथवे शुरू कर रहा है। हाल ही में अमेरिका में H-1B वीजा की फीस बढ़ाई गई है, जिससे स्किल वर्कर्स प्रभावित हुए हैं। अब कनाडा इन्हें देश में लाना चाहता है। इसी तरह से उसका इरादा हेल्थकेयर, रिसर्च और अडवांस टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में स्किल वर्कर्स को जॉब देना है, जहां अभी वर्कर्स की कमी बहुत ज्यादा है।
सरकार ने क्या कहा?
दरअसल, कनाडा ने 2025 के लिए फेडरल बजट पेश किया है। इसमें ये बताया गया है कि इमिग्रेशन को लेकर किस तरह के बदलाव किए जाएंगे। सरकार ने कहा कि इमिग्रेशन पाथवे के जरिए कनाडा के इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा। वर्कर्स की कमी को दूर किया जाएगा। साथ ही हेल्थकेयर, रिसर्च, अडवांस इंडस्ट्रीज और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में टॉप टैलेंट को आकर्षित किया जाएगा। बजट में बताया गया ये नया H-1B पाथवे 'इंटरनेशनल टैलेंट अट्रेक्शन स्ट्रैटेजी एंड एक्शन प्लान' का हिस्सा है।
किन वर्कर्स की होगी नियुक्ति?
सरकार के प्लान के तहत, कनाडा एक बार में 1000 विदेशी रिसर्चर्स की नियुक्ति करने वाला है। इसके जरिए 1.7 अरब कनाडाई डॉलर का बजट होगा। इस निवेश के जरिए कनाडाई यूनिवर्सिटीज टॉप टैलेंट को हायर कर पाएंगी और उन्हें अत्याधुनिक रिसर्च के लिए जरूरी टूल्स मुहैया कराएंगी। इसी तरह से हेल्थकेयर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर्स में भी नियुक्ति की जाएगी, जहां अभी डॉक्टर्स, नर्स, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, इंजीनियर्स, मैकेनिक आदि की जरूरत है। कुल मिलाकर कनाडा अमेरिका को टक्कर देने की तैयारी में है।
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सीआईसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा स्किल वर्कर्स को देश में लाने और इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत करने की रणनीति के तहत H-1B वीजा होल्डर्स के लिए एक त्वरित इमिग्रेशन पाथवे शुरू कर रहा है। हाल ही में अमेरिका में H-1B वीजा की फीस बढ़ाई गई है, जिससे स्किल वर्कर्स प्रभावित हुए हैं। अब कनाडा इन्हें देश में लाना चाहता है। इसी तरह से उसका इरादा हेल्थकेयर, रिसर्च और अडवांस टेक्नोलॉजी जैसे सेक्टर्स में स्किल वर्कर्स को जॉब देना है, जहां अभी वर्कर्स की कमी बहुत ज्यादा है।
सरकार ने क्या कहा?
दरअसल, कनाडा ने 2025 के लिए फेडरल बजट पेश किया है। इसमें ये बताया गया है कि इमिग्रेशन को लेकर किस तरह के बदलाव किए जाएंगे। सरकार ने कहा कि इमिग्रेशन पाथवे के जरिए कनाडा के इनोवेशन इकोसिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा। वर्कर्स की कमी को दूर किया जाएगा। साथ ही हेल्थकेयर, रिसर्च, अडवांस इंडस्ट्रीज और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में टॉप टैलेंट को आकर्षित किया जाएगा। बजट में बताया गया ये नया H-1B पाथवे 'इंटरनेशनल टैलेंट अट्रेक्शन स्ट्रैटेजी एंड एक्शन प्लान' का हिस्सा है।
किन वर्कर्स की होगी नियुक्ति?
सरकार के प्लान के तहत, कनाडा एक बार में 1000 विदेशी रिसर्चर्स की नियुक्ति करने वाला है। इसके जरिए 1.7 अरब कनाडाई डॉलर का बजट होगा। इस निवेश के जरिए कनाडाई यूनिवर्सिटीज टॉप टैलेंट को हायर कर पाएंगी और उन्हें अत्याधुनिक रिसर्च के लिए जरूरी टूल्स मुहैया कराएंगी। इसी तरह से हेल्थकेयर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर्स में भी नियुक्ति की जाएगी, जहां अभी डॉक्टर्स, नर्स, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, इंजीनियर्स, मैकेनिक आदि की जरूरत है। कुल मिलाकर कनाडा अमेरिका को टक्कर देने की तैयारी में है।
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