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खाँसी से रात कटती है? जानें अस्थमा के लक्षण और बचाव के प्रभावी तरीके

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अस्थमा (Asthma) एक क्रॉनिक श्वसन रोग है, जिसमें सांस लेने में तकलीफ़, सीने में जकड़न, खाँसी और घरघराहट जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अक्सर ठंडी हवा, धूल, एलर्जी या मौसम में बदलाव के कारण अस्थमा अटैक हो सकता है। कई बार यह रात के समय ज़्यादा बढ़ जाता है, जिससे नींद पूरी नहीं हो पाती और शरीर थका-थका महसूस करता है। समय रहते लक्षण पहचानना और बचाव के तरीके अपनाना बेहद ज़रूरी है।

अस्थमा के मुख्य लक्षण

  • लगातार खाँसी – खासकर रात में या सुबह जल्दी खाँसी बढ़ना।
  • सांस लेने में तकलीफ़ – हल्की सी मेहनत पर भी सांस फूलना।
  • सीने में जकड़न – ऐसा महसूस होना जैसे सीने पर दबाव हो।
  • घरघराहट (Wheezing) – सांस लेने या छोड़ने पर सीटी जैसी आवाज़ आना।
  • रात में अस्थमा क्यों बढ़ता है?

    • ठंडी और सूखी हवा से एयरवे (श्वसन नलियां) में सिकुड़न आना।
    • लेटने पर फेफड़ों पर दबाव बढ़ना।
    • रात के समय हार्मोनल बदलाव के कारण ब्रॉन्कियल संवेदनशीलता बढ़ना।

    अस्थमा से बचाव के प्रभावी तरीके

  • ट्रिगर्स से दूर रहें
    • धूल, धुआं, तेज़ खुशबू, पालतू जानवरों के बाल और परागकण से दूरी बनाएं।
  • मास्क का इस्तेमाल करें
    • बाहर निकलते समय मास्क पहनें ताकि एलर्जेन फेफड़ों तक न पहुँचें।
  • घर को साफ-सुथरा रखें
    • बिस्तर, परदे और कार्पेट की नियमित सफाई करें।
  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित सेवन
    • इन्हेलर का सही तरीके से और समय पर इस्तेमाल करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
    • योग, प्राणायाम और हल्की एक्सरसाइज से फेफड़ों की क्षमता बढ़ाएं।
  • अस्थमा को पूरी तरह ठीक तो नहीं किया जा सकता, लेकिन सही देखभाल और समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर रात में बार-बार खाँसी और सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

     

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