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दुनिया की चौथी बड़ी इकोनॉमी के पीछे छिपी है ये 'स्याह' सच्चाई, खड़गे बोले- हर क्षेत्र को तबाह करने में जुटी है नाकारा सरकार!

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केंद्र की मोदी सरकार भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। सवाल यह है कि सरकार के दावे में कितना दम और सच्चाई है? इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि सरकार आखिर यह ढिंढोरा क्यों पीटर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सरकार ऐसा कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मोदी सरकार को अपनी घोर विफलताओं को छिपाने के लिए, अर्थव्यवस्था पर झूठ फैलाने की आदत हो गई है! 11 वर्षों से लगातार, यह नाकारा सरकार, अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को तबाह करने में जुटी है। सच यहां है।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें बताया गया है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कैसे नाकाम रही है और इन नाकामियों को कैसे छिपा रही है। वीडियो में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अलग-अलग अखबारों में छपी रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है।

image फोटो: @kharge

वीडियो में बताया गया है, भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह करने के बाद भारत को दुनिया चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताकर मोदी सरकार झूठा ढिंढोरा पीट रही है। अंग्रेजी अखबार ‘दी हिंदू’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था साल 2011 में ही बन गया था।

image फोटो: @kharge

वीडियो में बताया गया है कि मोदी सरकार के 11 वर्षों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे भयावह स्तर पर है। वीडियो में ग्राफिक्स के जरिए समझाया गया है कि देश की संपत्ति में कितनी घोर असमानता है। इसके मुताबिक, जनसंख्या के शीर्ष 0.1 के पास देश की 29 फीसदी संपत्ति है। शीर्ष 1 फीसदी के पास 40 फीसदी संपत्ति का हिस्सा है। शीर्ष 10 फीसदी के पास 65 फीसदी संपत्ति है।

image फोटो: @kharge

इस रिपोर्ट में गौर करने वाली बात यह है कि जनसंख्या के निचले 50 फीसदी लोगों के पास देश की केवल 6.5 फीसदी संपत्ति है।

image फोटो: @kharge

भारत विश्व में प्रति व्यक्ति आय में देश 136वें स्थान पर है। कांग्रेस-यूपीए शासन के दौरान प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि 258.8 फीसदी थी, जबकि मोदी सरकार के दौरान यह वृद्धि केवल 118 फीसदी रही।

image फोटो: @kharge

देश की जीडीपी दर 4 साल के सबसे निचले स्तर 6.4 फीसदी पर लुढ़क गई है। सच्चाई यह है कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को नियोजित लॉकडाउन, असंगठित क्षेत्र को चोट पहुंचाने की नीति, MSME सेक्टर का गला घोंटने की योजना से, PSU बेचने और फ्लॉप मेक इन इंडिया से अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 

image फोटो: @kharge
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