कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर इस समय भारत सरकार के उन प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व कर रहे हैं, जो विदेशों में जाकर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं। शशि थरूर अमेरिका, पनामा, गयाना जैसे देशों में जाकर पाकिस्तान के आतंक की पोल खोल रहे हैं और इस महत्वपूर्ण मिशन के जरिए भारत की विदेश नीति को मजबूती दे रहे हैं। इस पर अब एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है और शशि थरूर पर तीखा हमला बोला है।
संजय निरुपम का कहना है, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शशि थरूर विदेशों में पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं, जबकि भारत में कांग्रेस के ही लोग मिलकर शशि थरूर को बेनकाब करने की कोशिश कर रहे हैं।'
'शशि थरूर ज्यादा परिपक्व नेता' — संजय निरुपम
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में संजय निरुपम ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के नेताओं को यह समझना चाहिए कि जब बात राष्ट्रहित की हो, तो दलगत राजनीति से ऊपर उठना जरूरी है। शशि थरूर कांग्रेस के तमाम नेताओं से कहीं अधिक परिपक्व नेता के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं।'
शिवसेना नेता ने आगे कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया और उनके एयरबेस को बर्बाद कर दिया। हमने पाकिस्तान को लगभग तबाह कर दिया और पहलगाम आतंकवादी हमले का भी सशक्त बदला लिया। पहलगाम में हमारी बहनों के सिंदूर पोछे गए थे, जिसका बदला हमने 100 आतंकवादियों को मार कर लिया। अब हमारे सांसद इस पूरे विषय को दुनिया के अलग-अलग मंचों पर समझा रहे हैं और पूरी दुनिया को भारत के पक्ष में जुटा रहे हैं।'
'कांग्रेस की कुंठा बाहर आ रही है' — संजय निरुपम
कांग्रेस पर फिर हमला बोलते हुए संजय निरुपम ने कहा, "यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत बड़ा और पवित्र काम हो रहा है। विरोधी होने के बावजूद अगर यह जिम्मेदारी शशि थरूर को सौंपी गई है, तो कांग्रेस को इसका स्वागत करना चाहिए और बीजेपी को धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने प्रतिभा को पहचाना। लेकिन जिस तरह कांग्रेस के कुछ लोग शशि थरूर को बदनाम करने में लगे हैं, उससे यह साफ हो जाता है कि कांग्रेस के अंदर पनपी कुंठा अब बाहर आ रही है।"
शशि थरूर के विरोध में क्यों हैं कांग्रेस नेता?
असल में, जब भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, तो शशि थरूर ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा था कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने बड़ा बदलाव दिखाया है। आतंकवादी अब समझ गए हैं कि उनके किए की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने दावा किया था कि सितंबर 2016 में पहली बार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान LoC का उल्लंघन किया था, जबकि बालाकोट स्ट्राइक में अंतरराष्ट्रीय सीमा भी पार की गई थी। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था, न तो कारगिल युद्ध में भारत ने सीमा पार की थी।
शशि थरूर के इस बयान पर कांग्रेस के कई नेता नाराज हो गए और उन पर निशाना साधने लगे। दिल्ली कांग्रेस के नेता उदित राज ने प्रधानमंत्री मोदी से यह मांग की कि शशि थरूर को अपनी पार्टी का प्रवक्ता या फिर सरकार में विदेश मंत्री बना देना चाहिए। उदित राज ने आरोप लगाया था कि शशि थरूर को कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया, लेकिन उन्होंने पार्टी के स्वर्णिम इतिहास को अपने बयान से नुकसान पहुंचाया।
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शशि थरूर पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी किताब में सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना की है और अब उसी की तारीफ कर रहे हैं। पवन खेड़ा 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' नामक किताब का जिक्र कर रहे थे।
डेलिगेशन में नाम आने पर भी कांग्रेस को थी आपत्ति
यह भी बता दें कि 17 मई को जब सरकार ने सांसदों के सात डेलिगेशन का ऐलान किया था, तो शशि थरूर का नाम भी शामिल था। सभी प्रतिनिधिमंडलों में सिर्फ एकमात्र कांग्रेस सांसद शशि थरूर ही थे। तब कांग्रेस ने दावा किया था कि उन्होंने केंद्र सरकार को थरूर का नाम नहीं दिया था और इस पर भी विवाद हुआ था।
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