दमोह, 18 अप्रैल . मध्य प्रदेश के दमोह जिले में आठ लोगों के लिए काल बनकर आए एक फर्जी डॉक्टर को 11 दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
मामला मिशन अस्पताल से जुड़ा हुआ है. यहां नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक व्यक्ति ने डॉ. एन. जॉन कैम के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और नौकरी हासिल की. इस फर्जी चिकित्सक ने 15 से ज्यादा हृदय रोगियों के ऑपरेशन किए, जिनमें से आठ मरीजों की मौत होने की बात कही जा रही है.
आरोपी को इस मामले के तूल पकड़ने पर गिरफ्तार किया गया था. वह 11 दिन तक पुलिस हिरासत में रहा. पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसने फर्जी तरीके से दस्तावेज हासिल किए थे. उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
इस फर्जी चिकित्सक का खुलासा कृष्णा पटेल नाम के एक व्यक्ति द्वारा मानवाधिकार आयोग से की गई शिकायत से हुआ था. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अस्पताल में हार्ट सर्जरी के नाम पर धोखाधड़ी की गई है. आरोप लगाया गया था कि जॉन कैम ने फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया है और आधार कार्ड में उनके पिता का नाम एक जर्मन नागरिक के तौर पर दर्ज है.
इस बीच, आरोपी फरार हो गया था. उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस को जांच में पता चला है कि आरोपी ने फर्जी तरीके से नागपुर से दस्तावेज बनवाए थे. इतना ही नहीं, उसकी एक डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी के भी फर्जी हस्ताक्षर मिले हैं.
उसने पांडिचेरी विश्वविद्यालय की वर्ष 2013 की एक डिग्री भी दी थी. उस समय विश्वविद्यालय के कुलपति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी थे. उनके फर्जी दस्तखत कर उसने यह डिग्री बनाई थी. उसके पास कई और फर्जी डिग्रियां मिली थीं.
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एसएनपी/एबीएम/एकेजे
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