बेंगलुरु, 15 मई . कन्नड़ विवाद को लेकर मुसीबत में फंसे गायक सोनू निगम को गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. निगम की याचिका पर न्यायालय ने उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न किए जाने का आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरन्नावर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोनू निगम की याचिका पर सुनवाई की. न्यायालय ने उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश देते हुए गायक को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया.
सोनू निगम के वकील ने तर्क दिया कि उनका कभी भी कन्नड़ समुदाय का अपमान करने का इरादा नहीं था और उन्होंने पहले ही सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है. सरकारी वकील ने कहा कि उनकी टिप्पणी लाइव प्रसारण का हिस्सा थी और इसे मीडिया में व्यापक कवरेज मिला, जिसके कारण कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है. उन्होंने जांच में उनकी अनुपस्थिति के कारण उन्हें कानूनी सुरक्षा देने का विरोध किया.
उल्लेखनीय है, सोनू निगम ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए 13 मई को कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दी थी.
गत 25 अप्रैल को एक कार्यक्रम के दौरान निगम की टिप्पणियों पर विवाद के बाद कर्नाटक पुलिस ने 3 मई को एफआईआर दर्ज की थी. भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
एफआईआर कर्नाटक रक्षण वैदिके की बेंगलुरु सिटी जिला इकाई के अध्यक्ष धर्मराज ए. ने दर्ज करवाई है.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के वीरगोनगर में सोनू निगम का एक शो आयोजित किया गया था, जिसमें परफॉर्मेंस के दौरान एक युवक ने उनसे कन्नड़ में गाने की मांग की, जिसके बाद बहस शुरू हो गई थी. गायक ने कहा था, “कन्नड़, कन्नड़, कन्नड़. इसलिए, पहलगाम में हमला हुआ. वहां पर जान ले रहे थे, तब भाषा नहीं पूछी गई थी.”
उनकी इस टिप्पणी को लेकर जमकर हो-हल्ला मचा और जबरदस्त विरोध देखने को मिला. इस विवाद के बाद सोनू निगम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर किया और माफी मांगते हुए बताया कि वह हमेशा से कन्नड़ भाषा, संस्कृति, संगीत और कलाकारों का सम्मान करते आए हैं. हालांकि, कार्यक्रम के दौरान कुछ लोग शोर मचाने के साथ ही धमकी दे रहे थे.
पोस्ट के अंत में सोनू ने कर्नाटक के लोगों पर यह फैसला छोड़ दिया कि गलती किसकी है.
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एमटी/एकेजे
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