Mumbai , 25 अगस्त . अगले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के बीच Monday को भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए.
आईटी क्षेत्र के दिग्गज शेयरों में खरीदारी इस तेजी का मुख्य कारण रही.
सेंसेक्स 329.06 अंक या 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,635.91 पर बंद हुआ.
पिछले सत्र में भारी गिरावट के बाद, 30 शेयरों वाला यह सूचकांक पिछले सत्र के 81,306.85 के बंद स्तर के मुकाबले 81,501.06 पर अच्छी बढ़त के साथ खुला.
सूचकांक ने अपनी गति को बढ़ाते हुए 81,799.06 के उच्च स्तर को छुआ, लेकिन सीमित दायरे में ही रहा.
निफ्टी 97.65 अंक या 0.39 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,967.75 पर बंद हुआ.
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और उसके बाद यूएस 10-ईयर यील्ड में गिरावट की उम्मीदों से घरेलू बाजार में आशावाद की लहर दौड़ गई.”
उन्होंने कहा कि अनुकूल ग्लोबल सेंटीमेंट के चलते आईटी सूचकांक ने बेहतर प्रदर्शन किया. उपभोग मांग को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित जीएसटी रेशनलाइजेशन से घरेलू रुझान सकारात्मक बने हुए हैं और अच्छा मानसून वैश्विक व्यापार वातावरण में किसी भी अनिश्चितता से निपटने में कैटलिस्ट का काम कर सकता है.
सेंसेक्स में इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, सन फार्मा, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, टाटा स्टील और टाइटन टॉप गेनर्स रहे. जबकि बीईएल, एशियन पेंट्स और भारती एयरटेल टॉप लूजर्स रहे.
क्षेत्रीय सूचकांकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी गई, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज और निफ्टी बैंक में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि निफ्टी ऑटो में 93.95 अंक या 0.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इस बीच, भारी खरीदारी के बीच निफ्टी आईटी 839.20 अंक या 2.37 प्रतिशत उछला.
व्यापक सूचकांक सत्र के दौरान सकारात्मक रहे. निफ्टी नेक्स्ट 50 में 171.25 अंक या 0.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई, निफ्टी 100 में 94.10 अंक या 0.37 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और निफ्टी मिडकैप 100 में 71 अंक या 0.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
पिछले Friday को फेड द्वारा सितंबर 2025 में ब्याज दरों में कटौती के स्पष्ट संकेत के बाद डॉलर सूचकांक में मामूली उछाल के साथ 98.00 की ओर बढ़ने के कारण रुपया 0.07 अंक की गिरावट के साथ 87.58 पर कारोबार कर रहा था.
एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, “हालांकि रुपया मामूली बढ़त के साथ खुला, लेकिन डॉलर में मजबूती के साथ इसने जल्दी ही बढ़त खो दी. विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार में शुद्ध बिकवाली बने रहने के साथ लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी से बाजार की धारणा पर असर पड़ रहा है.”
त्रिवेदी ने आगे कहा कि आगे की दिशा के लिए पॉवेल का नीतिगत रुख, वैश्विक कच्चे तेल के रुझान और विदेशी संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण बना रहेगा. रुपये को 87.95-88.10 के स्तर पर समर्थन मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 87.25-87.50 के स्तर पर है.
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एसकेटी/
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