भुवनेश्वर, 8 सितंबर . वरिष्ठ बीजद नेता संजय दास बर्मा ने Monday को साफ किया कि आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का पार्टी का फैसला बीजद अध्यक्ष और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन Patnaयक द्वारा व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य ओडिशा के हितों को राजनीतिक हितों से ऊपर रखते हुए इंडिया गठबंधन और एनडीए दोनों से “समान दूरी” बनाए रखना है.
दास बर्मा ने कहा कि यह निर्णय ओडिशा के लोगों की भावनाओं को दर्शाता है. उन्होंने कहा, “बीजद ने हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर राज्य के हित को प्राथमिकता दी है और यह रुख एक बार फिर उस प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.”
कांग्रेस की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए दास बर्मा ने पार्टी की टिप्पणियों को “निराधार” करार दिया. उन्होंने कांग्रेस को ओडिशा में उसके लंबे शासन और जनता द्वारा उसे नकारे जाने की याद दिलाई.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के पास बीजद के फैसलों पर सवाल उठाने का कोई नैतिक आधार नहीं है. नवीन Patnaयक ने हमेशा ओडिशा के व्यापक हित में सही रुख अपनाया है.”
वहीं, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने के बीजू जनता दल (बीजद) के फैसले की कड़ी आलोचना की है.
उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रत्याशित और बेहद निराशाजनक है, क्योंकि बीजद एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में स्पष्ट रुख अपनाने में विफल रही. बीजद एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि उसने हमेशा दूरी बनाए रखने के बहाने भाजपा को समर्थन दिया है. बीजद के रुख से संदेह पैदा होता है कि क्या पार्टी दबाव में काम कर रही है? अगर बीजद सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के डर से चुप रहती है तो ओडिशा की जनता के सामने उसकी विश्वसनीयता खत्म हो जाएगी.
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एकेएस/डीएससी
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