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हिमाचल प्रदेश : हमीरपुर जिले के गांव में भारी बारिश और भूस्खलन से पांच परिवार बेघर

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हमीरपुर, 1 सितंबर . Himachal Pradesh के हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के चबूतरा गांव में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण पांच परिवारों के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं, जिससे लगभग एक किलोमीटर के क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण गहरे संकट में हैं.

प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानीय स्कूल में अस्थायी रूप से ठहराया है, जहां उनके लिए भोजन, पानी और रहने की व्यवस्था की गई है. Monday को प्रशासन ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को 25,000 रुपए की तात्कालिक राहत राशि प्रदान की. जिन परिवारों के घर पूरी तरह नष्ट हुए हैं, उनमें नरोत्तम दास पुत्र महंत राम, केवल कृष्ण पुत्र महंत राम, किशोरी लाल पुत्र महंत राम, सीता देवी पत्नी प्रभु राम और बंसी राम पुत्र ख्याली राम शामिल हैं. ये परिवार अब पूरी तरह राहत शिविरों पर निर्भर हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि Sunday शाम 5:30 बजे अचानक उनके घरों के आंगनों में दरारें दिखाई दी और धीरे-धीरे जमीन खिसकने लगी, जिससे मकान ढह गए. यदि बारिश की स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो 15-20 अन्य परिवारों के मकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है.

सुजानपुर के विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा ने Monday सुबह प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों को नाश्ता उपलब्ध करवाया. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और प्रशासन हर कदम पर उनके साथ है. इस दौरान तहसीलदार और एसडीएम भी मौके पर मौजूद रहे, जिन्होंने हालात का जायजा लिया और तत्काल राहत सामग्री वितरित की. प्रशासन की टीमें लगातार नुकसान का आकलन कर रही हैं और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

पीड़ित परिवारों ने सरकार से शीघ्र पुनर्वास और आर्थिक सहायता की मांग की है. प्रभावितों ने गुहार लगाई कि उनके घरों में फंसा सामान निकाला जाए और पुनर्वास के लिए जमीन व आर्थिक मदद प्रदान की जाए.

पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमन भारती ने भी क्षेत्र का दौरा किया और कहा कि प्रशासन के सहयोग से पीड़ितों को हरसंभव मदद दी जा रही है.

वहीं सुजानपुर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा ने बताया कि Sunday शाम से ही राहत कार्यों में उनकी टीम जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि दिन-रात पीड़ितों की मदद की जा रही है और भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से उम्मीद जताई है कि जल्द ही स्थायी समाधान निकाला जाएगा, ताकि वे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें.

एकेएस/एएस

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