New Delhi, 16 अक्टूबर . दिल्ली ट्रैफिक Police ने फर्जी ‘नो एंट्री परमिट’ (एलईपी) तैयार करने और बेचने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया. इस कार्रवाई में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 11 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
यह कार्रवाई वाणिज्यिक वाहनों द्वारा प्रतिबंधित समय में अवैध रूप से परिचालन करने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए की गई है.
ट्रैफिक Police की ओर से मिली अनुसार, विभाग ने हाल के दिनों में कई समन्वित अभियान चलाए, जिनमें यह नेटवर्क उजागर हुआ जो फर्जी परमिट बनवाकर वाहनों को ‘नो एंट्री’ जोन में चलाने की अनुमति दिलवाता था.
आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने ये फर्जी परमिट अवैध रूप से संचालन करने के लिए खरीदे थे, ताकि प्रतिबंधित समय में भी उनके वाहन सड़कों पर चल सकें. सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है.
Police का मानना है कि यह नेटवर्क दिल्ली भर में फैला हुआ है, जो फर्जी नो एंट्री परमिट तैयार कर ट्रांसपोर्टर्स को बेचता था. अब जांच एजेंसियां इस पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने में जुटी हैं.
दिल्ली ट्रैफिक Police के विशेष Police आयुक्त (ट्रैफिक) के जगदेशन ने कहा कि यह कार्रवाई हमारे फर्जीवाड़े और आधिकारिक दस्तावेजों के दुरुपयोग के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है. जो भी व्यक्ति फर्जी नो एंट्री परमिट बनाने, इस्तेमाल करने या उपलब्ध कराने में लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वाणिज्यिक वाहन मालिकों और चालकों से अपील है कि वे केवल दिल्ली ट्रैफिक Police के आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल से ही परमिट प्राप्त करें.
दिल्ली ट्रैफिक Police ने सभी वाणिज्यिक वाहन मालिकों और ऑपरेटरों को सख्त चेतावनी दी है कि वे प्रतिबंधित समय और क्षेत्रों से संबंधित नियमों का पालन करें. किसी भी फर्जी या बदले हुए परमिट का उपयोग करने पर चालक और वाहन मालिक दोनों के खिलाफ तुरंत अभियोजन कार्रवाई की जाएगी.
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पीएसके
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