मुंबई, 29 मई . भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जुबानी हमला किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा कि यह हिंसा ममता बनर्जी की “निर्ममता” का जीता-जागता प्रमाण है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को निशाना बनाकर बेरहमी से मारा गया और इसमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेताओं की सीधी संलिप्तता हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त एक समिति की रिपोर्ट में सामने आ चुकी है.
तुहिन सिन्हा ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत में कहा कि यह हिंसा तृणमूल के लोगों की भागीदारी के बिना संभव नहीं थी. यह कोई पहली बार नहीं है जब मुस्लिम बहुल इलाकों में तृणमूल कांग्रेस की शह पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया हो. साल 2021 के चुनावों के बाद भी इसी तरह की घटनाएं हुई थीं, जिनमें सैकड़ों हिंदू परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े थे. इस बार मुर्शिदाबाद में एक ही परिवार के दो सदस्यों की हत्या कर दी गई और अब तक ममता बनर्जी ने उन पीड़ित परिवारों से मिलने की भी जहमत नहीं उठाई. यह साफ संकेत है कि यह हिंसा ममता बनर्जी के “आशीर्वाद” के बिना नहीं हो सकती थी.
कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के रवैये पर टिप्पणी करते हुए तुहिन सिन्हा ने कहा कि जब वह अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का समर्थन कर रहे हैं, उस वक्त कांग्रेस पार्टी द्वारा उन पर व्यक्तिगत हमले करना शर्मनाक है. कांग्रेस अब पूरी तरह ‘अर्बन नक्सल’ मानसिकता के प्रभाव में है और जो भी नेता राष्ट्रहित की बात करता है, उसे वहां दुश्मन समझा जाता है.
उन्होंने कांग्रेस के इतिहास की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसी पार्टी ने अतीत में डॉ. भीमराव अंबेडकर, वी.पी. सिंह और बाबू जगजीवन राम जैसे नेताओं का भी अपमान किया था. उन्होंने कांग्रेस को सुझाव दिया कि वह अपने विदेश में गए प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रहित में काम करने दे और सार्वजनिक मंच पर अपने नेताओं को शर्मसार न करे.
शिवसेना (यूबीटी) पर निशाना साधते हुए तुहिन सिन्हा ने कहा कि इस पार्टी को देश की अर्थव्यवस्था और विदेश नीति जैसे गंभीर मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए क्योंकि हर बार जब वे बोलते हैं तो अपनी अज्ञानता उजागर कर देते हैं. उन्होंने कहा कि यूबीटी ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठाया. अब वह भारत की चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को ‘भ्रम’ बता रहे हैं, जो हास्यास्पद है.
उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी 2014 में लगभग दो ट्रिलियन डॉलर थी, जो अब चार ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच चुकी है. 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं, यह किसी भी तरह से झुठलाए जाने वाले तथ्य नहीं हैं. इस पार्टी को गंभीर विषयों पर बोलने से बचना चाहिए क्योंकि इनमें उनकी कोई समझ नहीं है. यह एक संकीर्ण सोच वाली पार्टी है, जिसकी टिप्पणियां राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
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पीएसके/एकेजे
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