गांधीनगर, 9 अक्टूबर . 7 अक्टूबर को Narendra Modi ने Gujarat के Chief Minister के रूप में शपथ लेकर प्रशासनिक जनसेवा की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की थी, जो इस साल 24 वर्ष पूरे कर चुकी है. इस गौरवशाली अवसर पर Chief Minister भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में Gujarat Government 7 से 15 अक्टूबर तक राज्यव्यापी ‘विकास सप्ताह’ उत्सव मना रही है, जिसके तहत 10 अक्टूबर को ‘उद्योग साहसिक दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा, जो Gujarat के औद्योगिक उत्कर्ष और नवाचार की भावना को समर्पित है.
पिछले 24 वर्षों में पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में Gujarat देश के औद्योगिक विकास इंजन के रूप में उभरा है. विशेष रूप से 2009 में तत्कालीन Chief Minister के रूप में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शुरू हुई विभिन्न पहलों ने Gujarat को India का प्रमुख ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बना दिया है.
India Government के वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, Gujarat में मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर का उत्पादन वर्ष 2008-09 में लगभग 3,200 करोड़ रुपए था, जो 2022-23 में बढ़कर 71,425 करोड़ रुपए के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, यह लगभग 22 गुना वृद्धि दर्शाता है. इस उपलब्धि ने 24.84% की उल्लेखनीय वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है, जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में Gujarat की सफल यात्रा का प्रमाण है.
वर्ष 2014 में शुरू किए गए ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सबसे बड़ी सफलता कहानियों में से एक Gujarat की रही है, जिसने इस दृष्टि को अटूट प्रतिबद्धता के साथ साकार किया है. वर्ष 2015-16 से 2022-23 के बीच Gujarat के मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर विनिर्माण क्षेत्र में 12 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है. इस अवधि में विनिर्माण उत्पादन 5,836 करोड़ से बढ़कर रिकॉर्ड 71,425 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था. यह छलांग राज्य की औद्योगिक दक्षता, निवेश-अनुकूल माहौल और मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का सशक्त प्रमाण है.
कोविड महामारी के बाद Gujarat के ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र ने उल्लेखनीय वापसी करते हुए सिर्फ दो वर्षों में अपना उत्पादन दोगुने से भी अधिक कर लिया. मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर श्रेणी के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020-21 के कोविड प्रभावित दौर में जहां उत्पादन 34,107 करोड़ रुपए था, वहीं 2022-23 में यह रिकॉर्ड स्तर 71,425 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो 109% की अभूतपूर्व वृद्धि दर्शाता है.
रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और विश्वस्तरीय बंदरगाह अवसंरचना के बल पर Gujarat ने वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्यात में अपनी स्थिति और सुदृढ़ की है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य ने लगभग 2,628 करोड़ रुपए के ऑटो कंपोनेंट्स/पार्ट्स और 11,172 करोड़ रुपए मूल्य के मोटर वाहन/कारों का निर्यात किया, कुल 13,799.79 करोड़ रुपए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31.54% की प्रभावशाली वृद्धि है.
वित्त वर्ष 2024-25 में Gujarat ने 1,77,924 मोटर वाहन/कारें 102 देशों को निर्यात कीं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, जापान, सऊदी अरब, चिली, यूएई, मैक्सिको और कोलंबिया शामिल हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में 2,764 करोड़ रुपए के ऑटो कंपोनेंट्स/पार्ट्स और 8,493 करोड़ रुपए के वाहन निर्यात के मुकाबले यह वृद्धि Gujarat के वैश्विक ऑटो निर्यात क्षितिज को नई ऊंचाई पर ले गई है.
पिछले डेढ़ दशक में Gujarat ने ऑटोमोबाइल विनिर्माण, ऑटो कंपोनेंट्स, लॉजिस्टिक्स और रिसर्च-डेवलपमेंट में व्यापक विस्तार किया है. सुजुकी, टाटा, हीरो कॉर्प और होंडा जैसी कंपनियों के साथ साणंद और मांडल – बेचराजी विशेष निवेश क्षेत्र (एमबीएसआईआर) राज्य के प्रमुख ऑटो हब बन चुके हैं.
साणंद में टाटा मोटर्स और जेबीएम जैसे दिग्गजों के साथ एक मजबूत ऑटो कंपोनेंट ईकोसिस्टम है, जबकि मांडल-बेचराजी अत्याधुनिक अवसंरचना और निर्यात-उन्मुख सुविधाओं से अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को आकर्षित कर रहा है. ये केंद्र Gujarat को India की ‘ऑटोमोटिव हार्टलैंड’ बनाने और Prime Minister मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
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एसके/एबीएम
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