डायबिटीज के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है, जो ज़िंदगीभर साथ में रहती है। इस बीमारी से पीड़ित होने पर मरीजों को अपने खानपान पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है। लापरवाही बरतने पर कई अन्य बीमारियां दस्तक देती हैं। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को सही दिनचर्या, उचित खानपान और रोजाना वर्कआउट करना चाहिए। साथ ही चीनी से परहेज करना चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो जौ घास (Barley grass) का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
बता दें कि जौ घास (Barley grass) सिर्फ घास नहीं है। यह सुपरफूड है। जिसमें इम्यून सिस्टम मजबूत करने से लेकर वजन घटाने और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने तक की ताकत है। इसका इस्तेमाल जूस और पाउडर के रूप में किया जाता है।
जौ घास में है पोषक तत्वों का भंडार
जौ एक प्रकार का अनाज है। जिसे दुनिया भर में चौथी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल माना जाता है। इस पर हरे रंग की पत्तियां आती हैं। जिनका जूस और पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन हरे पत्तों में पोषक तत्व भरे होते हैं। यह फाइबर, विटामिन A, विटामिन K, पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट का बढ़िया स्रोत है। ये सभी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। अगर आप नींद नहीं आने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको जौ के पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए। यह GABA, Ca, K और ट्रिप्टोफैन का बढ़िया स्रोत है। इससे बढ़िया नींद आती है।
जौ से ब्लड शुगर रहता है कंट्रोल
जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। जौ की घास के जूस में डायटरी फाइबर होता है। यह ब्लडस्ट्रीम में ब्लड शुगर को एब्जॉर्ब करने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इस तरह से डायबिटीज को कंट्रोल में रखना आसान हो सकता है। हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायबिटीज के मरीज इसका सेवन कर सकते हैं।
लिवर की गंदगी फौरन होगी साफ
जौ घास में नेचुरली क्लोरोफिल पाया जाता है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थों को खत्म कर देता है। इसके साथ ही लिवर की सफाई करने का भी काम करता है। इसके अलावा इसमें एंजाइम होते हैं। जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है। इनके अलावा जौ घास में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंतों की परत को ठीक करके पेट और आंत के रोगों का उपचार करते हैं। इसके क्षारीय गुण पीएच लेवल और एसिड लेवल को कंट्रोल रखते हैं।
डिस्क्लेमर – यहां बताए गए सुझाव संतुलित आहार का हिस्सा हैं जो लोगों के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। इसलिए किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स से सलाह लेने के बाद ही आजमाएं।
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