शेयर बाजार
‘जो सबकी घड़ी में बज रहा है वह सबके हिस्से का समय नहीं होता है.’ यह प्रसिद्ध पंक्ति हिंदी के कवि विनोद कुमार शुक्ल की है। समय का उतार-चढ़ाव शेयर बाजार पर भी लागू होता है। विभिन्न निवेशक गिरावट के समय भी लाभ कमा लेते हैं। हाल के दिनों में भारतीय शेयर बाजार में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। बाजार ने अपनी दिशा बदल ली है और अब सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से प्रभावित बाजार अब कुछ सुधार की ओर बढ़ता दिख रहा है। पिछले तीन कारोबारी दिनों में सेंसेक्स ने 1500 अंक से अधिक की वृद्धि की है और निफ्टी 50 भी 25,000 के पार पहुंच गया है। यह संकेत देता है कि बाजार में तेजी बनी रह सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भारत सहित अन्य देशों पर टैरिफ का दबाव बढ़ा था। पहले 25% का टैरिफ लगाया गया और फिर रूसी तेल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया, जिससे बाजार में गिरावट आई। लेकिन अब भारतीय बाजार ने इस दबाव को अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के बल पर सहन कर लिया है। शेयर बाजार ने लगातार तीन दिनों में 81,790.12 पर पहुंचकर 1.29% की वृद्धि की है, जबकि पिछले छह महीनों में 12% की वृद्धि हुई है।
बाजार के लिए सकारात्मक संकेतदलाल स्ट्रीट अब हरे रंग में लौट आया है। बाजार को प्रभावित करने वाले कारक अब धीमे पड़ गए हैं, जिससे बाजार में स्थिरता आई है। टैरिफ और अन्य मुद्दों का प्रभाव कम हो रहा है।
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