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मणिपुर में नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज, बीजेपी विधायक दिल्ली पहुंचे

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मणिपुर में सरकार गठन की कोशिशें तेज

बीजेपी नेताओं के साथ-साथ राज्यपाल भी दिल्ली में मौजूद

मणिपुर में फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है, जब पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से राज्य में कोई नई सरकार नहीं बन पाई, जिसके चलते राष्ट्रपति शासन की स्थिति बनी हुई है। अब, राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है, क्योंकि कई नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं। राज्यपाल भी पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। राष्ट्रपति शासन को अब 7 महीने से अधिक का समय हो चुका है।

बीजेपी के विधायक केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह सहित 7 विधायक शामिल हैं, जो सरकार गठन के मुद्दे पर चर्चा करने आए हैं।

दिल्ली जाने से पहले, एन बीरेन सिंह ने कहा, “मैं केंद्रीय नेताओं के साथ नई सरकार के गठन में सहयोग और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के संकट का समाधान करने पर चर्चा करूंगा। इसके साथ ही, प्रमुख हाईवे को जल्द से जल्द फिर से खोलने का आग्रह करूंगा।”

विधायकों के दो समूह दिल्ली पहुंचे

पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ पूर्व मंत्री सपाम रंजन सिंह और हेइखम डिंगो सिंह, और बीजेपी विधायक टोंगब्रम रॉबिन्द्रो सिंह भी दिल्ली गए हैं। इसके अलावा, मैतई समुदाय के कुछ विधायक भी दिल्ली पहुंचे हैं, जिनमें पूर्व मंत्री लीशांगथेम सुसिंड्रो मीतेई, थंगजाम अरुण कुमार और लौरेम्बम रामेश्वर शामिल हैं। ये दोनों समूह अलग-अलग दिल्ली रवाना हुए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह, पूर्व मंत्री गोविंददास कोंथौजम और अन्य विधायक भी आज दिल्ली जा सकते हैं। नेताओं का अचानक दिल्ली पहुंचना इस बात का संकेत है कि मणिपुर में सरकार का गठन जल्द ही हो सकता है। हाल ही में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी मणिपुर का दौरा किया था।

सीएम के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हुआ

मणिपुर में हिंसा के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू होने से पहले, राज्य में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी की गठबंधन सरकार थी। मणिपुर में 3 मई 2023 से चल रही हिंसा के बाद, एन बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को अपने पद से इस्तीफा दिया था। इसके चार दिन बाद राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। अब राष्ट्रपति शासन को लगभग 7 महीने हो चुके हैं।


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