केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को 16वें अंतरराष्ट्रीय रेलवे उपकरण प्रदर्शनी (IREE) 2025 के उद्घाटन के दौरान कहा कि भारत वंदे भारत 4.0 के विकास के साथ रेलवे मॉडर्नाइजेशन में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है, जिसका लक्ष्य ट्रेन सेट की डोमेस्टिक डिमांड के साथ ही और एक्सपोर्ट की मांग दोनों मांगों को पूरा करना है। नेक्स्ट जेनरेशन की वंदे भारत 4.0 एक विश्व-स्तरीय बेंचमार्क स्थापित करेगी। वैष्णव ने कहा कि हमें अपनी वंदे भारत सर्विस को एक बार पूरी तरह से एक नई तकनीक के साथ लाना चाहिए जो सभी मापदंडों पर दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हो। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत 4.0 में बेहतर टॉयलेट्स, सीट्स और कोच की बेहतर डिजाइनिंग होगी। इसे अगले 18 महीनों में रोलआउट करने का लक्ष्य है।
वंदे भारत 3.0 जापान और यूरोप की ट्रेन से बेहतरवर्तमान में, वंदे भारत 3.0 पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है, जो जापान और यूरोप की ट्रेनों की तुलना में अधिक तेजी से 52 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की गति प्राप्त करती है, जबकि कम शोर और कंपन पैदा करती है। वैष्णव ने "इसे अगले स्तर तक ले जाने" की आवश्यकता पर जोर दिया।
डेडिकेटेड हाई-स्पीड कॉरिडोरवंदे भारत 4.0 के साथ, भारत 350 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन किए गए डेडिकेटेड हाई-स्पीड यात्री ट्रेन कॉरिडोर, जो बुलेट ट्रेन नेटवर्क के समान होंगे, विकसित करेगा। ये कॉरिडोर विकसित भारत विजन के तहत 2047 तक लगभग 7,000 किमी डेडिकेटेड रूट बनाने की योजना का हिस्सा हैं।
अमृत भारत के 4.0 वर्जन की तैयारी
अमृत भारत ट्रेनों को भी 4.0 में अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें नई पीढ़ी के कोच और पुश-पुल लोकोमोटिव अगले 36 महीनों के भीतर टेस्टिंग के लिए तैयार होंगे। वहीं सुरक्षा के मोर्चे पर, भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को तैनात किया जा रहा है, जबकि कवच 5.0 350 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों को सपोर्ट करेगी।
हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणारेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन-ऑपरेटेड ट्रेन के विकास पर भी जोर दिया और 2400 हॉर्सपावर की पूरी तरह से घरेलू तकनीक वाली हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसे आयात नहीं किया जाएगा, बल्कि भारत में ही डिजाइन और विकसित किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने निर्माताओं से ग्लोबल स्टैंडर्ड बनाए रखने का निवेदन करते हुए कहा कि घटिया सामग्री सप्लाई करने वालों के खिलाफ ब्लैकलिस्टिंग जैसी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी की जाएगी।
वंदे भारत 3.0 जापान और यूरोप की ट्रेन से बेहतरवर्तमान में, वंदे भारत 3.0 पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है, जो जापान और यूरोप की ट्रेनों की तुलना में अधिक तेजी से 52 सेकंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की गति प्राप्त करती है, जबकि कम शोर और कंपन पैदा करती है। वैष्णव ने "इसे अगले स्तर तक ले जाने" की आवश्यकता पर जोर दिया।
डेडिकेटेड हाई-स्पीड कॉरिडोरवंदे भारत 4.0 के साथ, भारत 350 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन किए गए डेडिकेटेड हाई-स्पीड यात्री ट्रेन कॉरिडोर, जो बुलेट ट्रेन नेटवर्क के समान होंगे, विकसित करेगा। ये कॉरिडोर विकसित भारत विजन के तहत 2047 तक लगभग 7,000 किमी डेडिकेटेड रूट बनाने की योजना का हिस्सा हैं।
अमृत भारत के 4.0 वर्जन की तैयारी
अमृत भारत ट्रेनों को भी 4.0 में अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें नई पीढ़ी के कोच और पुश-पुल लोकोमोटिव अगले 36 महीनों के भीतर टेस्टिंग के लिए तैयार होंगे। वहीं सुरक्षा के मोर्चे पर, भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को तैनात किया जा रहा है, जबकि कवच 5.0 350 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों को सपोर्ट करेगी।
हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणारेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन-ऑपरेटेड ट्रेन के विकास पर भी जोर दिया और 2400 हॉर्सपावर की पूरी तरह से घरेलू तकनीक वाली हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसे आयात नहीं किया जाएगा, बल्कि भारत में ही डिजाइन और विकसित किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने निर्माताओं से ग्लोबल स्टैंडर्ड बनाए रखने का निवेदन करते हुए कहा कि घटिया सामग्री सप्लाई करने वालों के खिलाफ ब्लैकलिस्टिंग जैसी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी की जाएगी।
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