कठिन दौर से गुजर रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के शेयरों में आज जबरदस्त उछाल देखने को मिला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर शेयर दिन के निचले स्तर से करीब 13.3% उछलकर 52 हफ्ते के नए उच्चतम स्तर पर ₹10.52 पर पहुंच गया। इस अचानक आई तेजी के पीछे बड़ी वजह बनी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कही गई बात है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह वोडाफोन आइडिया द्वारा उठाए गए मुद्दों पर दोबारा विचार करने के लिए तैयार है- बशर्ते कोर्ट इसकी अनुमति दे।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि उसे सरकार के पुनर्विचार में कोई दिक्कत नहीं दिखती। हालांकि, अदालत ने साफ किया कि यह फैसला सिर्फ इसी मामले की खास परिस्थितियों पर लागू होगा क्योंकि सरकार खुद वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदार है और कंपनी के 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि यह पूरा मामला सरकार की नीति से जुड़ा विषय है, यानी यह तय करना केंद्र का अधिकार है कि इस पर आगे क्या कदम उठाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दोबारा मामले पर विचार करने की दी छूट
दरअसल, यह मामला AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाए से जुड़ा है। वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग (DoT) की उस मांग को चुनौती दी थी, जिसमें सरकार ने वित्त वर्ष 2016–17 तक के लिए 5,606 करोड़ रुपए के अतिरिक्त AGR बकाए को चुकाने के लिए कहा था। कंपनी का कहना है कि यह अमाउंट गलत तरीके से मांगी गई है। इससे पहले 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई को 27 अक्टूबर तक टाल दिया था। अब सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दोबारा मामले पर विचार करने की छूट दे दी है।
इस सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार ने वोडाफोन आइडिया में 49% तक की हिस्सेदारी ली है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार ने इसलिए लिया क्योंकि कंपनी के 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं और उनका हित सुरक्षित रखना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ग्राहकों को डुप्लिकेट बिलिंग या ज्यादा पैसे वसूलने (ओवर-इनवॉइसिंग) जैसी दिक्कतें आती हैं, तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए सरकार ने आगे बढ़कर इस मामले पर दोबारा विचार करने का फैसला किया।
मुख्य न्यायाधीश बोले- सरकार की नीतियों से जुड़ा है यह मामला
मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कहा कि यह मुद्दा पूरी तरह से केंद्र सरकार की नीतियों से जुड़ा मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सरकार चाहे तो इस पर पुनर्विचार कर सकती है और उसे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में अदालत से और किसी आदेश की जरूरत नहीं है और इसलिए रिट याचिका को निपटा दिया गया।
डिस्क्लेमर : यह खबर केवल जानकारी के लिए है। इसे किसी भी स्टॉक में खरीदारी या बिकवाली की सलाह ना समझें।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर सहमति जताते हुए कहा कि उसे सरकार के पुनर्विचार में कोई दिक्कत नहीं दिखती। हालांकि, अदालत ने साफ किया कि यह फैसला सिर्फ इसी मामले की खास परिस्थितियों पर लागू होगा क्योंकि सरकार खुद वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदार है और कंपनी के 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं। शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि यह पूरा मामला सरकार की नीति से जुड़ा विषय है, यानी यह तय करना केंद्र का अधिकार है कि इस पर आगे क्या कदम उठाया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दोबारा मामले पर विचार करने की दी छूट
दरअसल, यह मामला AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाए से जुड़ा है। वोडाफोन आइडिया ने दूरसंचार विभाग (DoT) की उस मांग को चुनौती दी थी, जिसमें सरकार ने वित्त वर्ष 2016–17 तक के लिए 5,606 करोड़ रुपए के अतिरिक्त AGR बकाए को चुकाने के लिए कहा था। कंपनी का कहना है कि यह अमाउंट गलत तरीके से मांगी गई है। इससे पहले 13 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई को 27 अक्टूबर तक टाल दिया था। अब सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दोबारा मामले पर विचार करने की छूट दे दी है।
इस सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि सरकार ने वोडाफोन आइडिया में 49% तक की हिस्सेदारी ली है। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार ने इसलिए लिया क्योंकि कंपनी के 20 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं और उनका हित सुरक्षित रखना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ग्राहकों को डुप्लिकेट बिलिंग या ज्यादा पैसे वसूलने (ओवर-इनवॉइसिंग) जैसी दिक्कतें आती हैं, तो उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा। इसलिए सरकार ने आगे बढ़कर इस मामले पर दोबारा विचार करने का फैसला किया।
मुख्य न्यायाधीश बोले- सरकार की नीतियों से जुड़ा है यह मामला
मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कहा कि यह मुद्दा पूरी तरह से केंद्र सरकार की नीतियों से जुड़ा मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सरकार चाहे तो इस पर पुनर्विचार कर सकती है और उसे ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में अदालत से और किसी आदेश की जरूरत नहीं है और इसलिए रिट याचिका को निपटा दिया गया।
डिस्क्लेमर : यह खबर केवल जानकारी के लिए है। इसे किसी भी स्टॉक में खरीदारी या बिकवाली की सलाह ना समझें।
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