भारत की तेज गेंदबाज़ी क्रांति, जिसका श्रेय मुख्य रूप से दो नामों – भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को जाता है। इन दोनों ने मिलकर 2016 से 2022 के बीच सभी प्रारूपों में 66 मैच खेले हैं। जहाँ एक ओर बुमराह आधुनिक युग के महानतम खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं।
वहीं दूसरी ओर भुवनेश्वर, जो कभी भारत के ‘स्विंग किंग’ थे, धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सेटअप से दूर होते चले गए हैं। फिर भी, मेरठ में जन्मे इस सीमर का जलवा अभी भी आईपीएल और घरेलू टूर्नामेंट में बरकरार है। इस खबर में, क्रिकट्रैकर ने दोनों की तुलना क्रमशः टेस्ट, वनडे और टी20आई में की है:
टेस्टरेड बॉल फॉर्मेट में भुवनेश्वर कुमार ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी गेंदबाज़ी के माध्यम से बहुत नाम कमाया है। ख़ास तौर पर विदेशी सरज़मीन पर भुवी का प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है। इंग्लैंड का उनका 2014 का दौरा आज भी याद किया जाता है, जब इस सीमर ने 19 विकेट लिए और तीन अर्धशतक जड़े, जिसके कारण उन्हें लॉर्ड्स के ऑनर्स बोर्ड में जगह मिली। 21 टेस्ट मैचों में, उन्होंने 26.09 की औसत से 63 विकेट लिए, उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/82 रहा, और उन्होंने निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन भी जोड़े।
वहीं बुमराह की बात की जाए, तो उन्होंने 2018 में अपने डेब्यू के बाद से टेस्ट क्रिकेट में हाहाकार मचा दिया है। मात्र 50 टेस्ट मैचों में बुमराह ने अपने आधुनिक अंदाज़ में 19.83 की औसत से 226 विकेट झटके हैं, जिसमें 15 पाँच विकेट हॉल भी शामिल हैं। विदेशों में उनके शानदार प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में किए गए मैच जिताऊ स्पेल शामिल हैं।
वनडे35 वर्षीय भुवनेश्वर कुमार ने अपने एकदिवसीय क्रिकेट की पहली गेंद पर ही मोहम्मद हफीज़ को चलता किया था। भुवी, जो उन्हें प्यार से बुलाया जाता है, उन्होंने अपनी स्विंग और नियंत्रित गेंदबाज़ी के कारण काफी नाम कमाया है। 2013 में भारतीय टीम के साथ चैंपियंस ट्रॉफी की जीत में भुवनेश्वर ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम को उस प्रतियोगिता में विजयी बनाया था।
दूसरी ओर 31 वर्षीय जसप्रीत बुमराह ने 2016 में अपने पहले मुकाबले के बाद भारतीय दल के सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख गेंदबाज बन गए। उनकी गेंदबाज़ी में विविधताएँ तथा कठिन परिस्थिति में उनका शांत स्वभाव उन्हें बहुत ख़ास बनाता है।
उन्होंने 89 वनडे मैचों में 23.55 की औसत और 4.59 की इकॉनमी रेट से 149 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/19 रहा है। इस जोड़ी ने एक मज़बूत साझेदारी बनाई और 2017 से 2019 के बीच भारत की सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
टी20आईअगर कोई ऐसा फॉर्मेट है जहाँ दोनों गेंदबाज़ों ने एक साथ शानदार प्रदर्शन किया है, तो वह टी20आई है। भुवनेश्वर शुरुआत से भारतीय टीम के भरोसेमंद पावरप्ले गेंदबाज रहे हैं, और अपनी स्विंग और स्लोअर गेंदों की मदद से लगातार विकेटें झटकते रहे।
पाकिस्तान के नासिर जमशेद को डेब्यू पर आउट करने से लेकर 2022 एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ 5/4 विकेट लेने तक, भुवी टीम के एक नियमित सदस्य थे, जिन्होंने 2014 से 2022 तक सभी टी20 विश्व कपों में भाग लिया। 87 टी20आई मैचों में, उन्होंने 23.10 की औसत और 6.96 की इकॉनमी रेट से 90 विकेट लिए हैं।
वहीं, बुमराह खेल के हर चरण में भारत के मुख्य तेज गेंदबाज रहे हैं। 75 टी20आई मैचों में 17.85 की औसत और 6.35 की इकॉनमी रेट से 96 विकेटों के साथ, बुमराह की दबाव को संभालने की क्षमता ने उन्हें एक वैश्विक सुपरस्टार बना दिया है। उनके स्पेल ने अक्सर रनों को रोका है और साझेदारियों को तोड़ा है। दबाव में बुमराह द्वारा याॅर्कर फेंककर विकेट निकालना उन्हें खास खिलाड़ी बनाता है।
You may also like
सरकार चेक करेगी कैसी है आपकी इंग्लिश, वर्क वीजा के लिए UK का नया प्लान
ये हैं वो 8 इन्वेस्टमेंट जिसमे नहीं लेती सरकार कोई` भी टैक्स। रिटर्न भी मिलता हैं 20 प्रतिशत तक। ITR भरने से पहले देख लिया तो बच जाएगा पैसा
वेक्टर एक्स बना आईएसबीए वीमेंस ब्लाइंड फुटबॉल वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 का आधिकारिक एथलीट किट पार्टनर
सोहराय पर्व पर 16 को पदयात्रा निकालेगा मंच
राज्य सरकार के संरक्षण में चल रहा धर्मांतरण का खेल है : प्रतुल