राजस्थान के झालावाड़ में 7 साल पहले यानी साल 2018 में एक आईबी अधिकारी की हत्या कर दी गई थी, उस वक्त ये हत्या काफी चर्चा में रही थी. क्योंकि ये हत्या इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी से जुड़ी थी, इसलिए इस मामले में पूरे प्रदेश में हंगामा मच गया था. वहीं, इस मामले में कोर्ट में सुनवाई के बाद चार आरोपियों को 14-14 साल की उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इस मामले में हैरान करने वाली बात ये है कि आईबी अधिकारी की हत्या की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसकी टीचर पत्नी ने अपने कांस्टेबल प्रेमी के साथ मिलकर रची थी. वहीं, इस हत्या में उसके दो और साथी भी थे. इन सभी लोगों को अब उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. हालांकि, आईबी अधिकारी के पिता सजा से खुश नहीं हैं और वो आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं.
झालावाड़ निवासी आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश गलाना की हत्या की चर्चा पूरे देश में हुई थी। इस हत्याकांड में कोर्ट ने पत्नी अनीता, प्रेमी प्रवीण राठौर, नर्सिंगकर्मी संतोष निर्मल और एक सहयोगी शाहरुख को 14-14 साल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसमें संतोष निर्मल ने केटामाइन का इंजेक्शन उपलब्ध कराया था, जबकि शाहरुख ने आईबी अधिकारी के अपहरण में मदद की थी। क्या था पूरा मामला यह मामला 7 साल पुराना है जब 14 फरवरी 2018 को शहर के भवानीमंडी रोड पर दिल्ली में तैनात आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश का शव मिला था। 14 फरवरी 2018 को शाम 6 बजे चेतन प्रकाश रामगंजमंडी में अपने परिजनों से मिलने के बाद झालावाड़ के लिए निकले थे। वहीं, रात 8 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने फोन किया, लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा था। बाद में परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की तो रात करीब साढ़े आठ बजे वे सड़क किनारे बेहोशी की हालत में मिले। परिजन उसे अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जब इस हत्याकांड की जांच शुरू हुई तो इसमें कई मोड़ आए। लेकिन पुलिस द्वारा गहन जांच के बाद जब इस मामले का खुलासा हुआ तो पता चला कि यह पूरा मामला प्रेम प्रसंग का है। जिसमें आईबी अधिकारी की पत्नी अनीता का पुलिस कांस्टेबल प्रवीण राठौर से प्रेम प्रसंग पाया गया। दोनों ने मिलकर आईबी अधिकारी चेतन प्रकाश की हत्या की साजिश रची थी।
चेतन कराना चाहता था छोटे बेटे का डीएनए टेस्ट
बताया जाता है कि पुलिस कांस्टेबल प्रवीण राठौर और अनीता पुराने दोस्त थे और वह अक्सर चेतन के घर आती-जाती रहती थी। यह बात परिवार को काफी परेशान करती थी। इसे लेकर विवाद भी हुआ। धीरे-धीरे चेतना का शक गहराता जा रहा था और पत्नी अनीता के चरित्र पर शक बढ़ता जा रहा था। इसके बाद यह भी शक होने लगा कि उसका छोटा बेटा उसका नहीं है। ऐसे में चेतन छोटे बेटे का डीएनए टेस्ट कराना चाहता था। यही वजह थी कि प्रवीण राठौर और अनीता को अपना राज खुलने का डर सताने लगा। इसके बाद ही दोनों ने चेतन प्रकाश की हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी। चेतन पर 6 बार हमला हुआ लेकिन वह हर बार बच निकलता रहा। लेकिन 7वें हमले में वह खुद को नहीं बचा पाया. चेतन को मारने के लिए 3 लाख रुपए की सुपारी दी गई. दिल्ली जाते समय उसे ट्रेन से धक्का देने की कई कोशिशें की गईं, लेकिन वह बचता रहा।
चेतन प्रकाश की हत्या कैसे हुई?
पुलिस जांच में पता चला कि 14 फरवरी 2018 को जब चेतन झालावाड़ आया तो प्रवीण अपने साथियों के साथ रेलवे स्टेशन रोड पर उसका इंतजार कर रहा था। वहां से उसने चेतन को जबरन अपने साथ कार में बैठाया और डाक बंगले की तरफ चल दिया। रास्ते में प्रवीण के साथी ने चेतन के हाथ पकड़े और प्रवीण ने प्रतिबंधित केटामाइन की दो शीशियां चेतन प्रकाश की जांघ में इंजेक्ट कर दीं, जिससे कुछ ही देर में प्रवीण की धड़कन और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया और उसकी मौत हो गई।
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